भभुआ. जिले में सहकारी समितियों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र में सुविधा बहाल करने की सरकारी योजनाएं फिलहाल अब तक सरजमीं पर नहीं उतर सकी हैं. सहकारिता विभाग के माध्यम से सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में पैक्सों के माध्यम से विभिन्न योजनाओं को चालू कराने का निर्देश दिया गया था. ताकि ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को अपने घरों के आस पास ही बुनियादी आवश्यकता की सुविधाएं प्रदान करायी जा सके. गौरतलब है कि वर्ष 2023 में ही जिले तक पहुंची सरकार के समृद्धि योजना में पंचायतों में बहुउद्देशीय पैक्सों को क्रियाशील कराये जाने का निर्णय लिया गया था. सरकार की समृद्धि योजना का उद्देश्य पंचायत के विभिन्न गांवों में सहकारी समितियों के माध्यम से विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ ग्रामीणों को बुनियादी सुविधाएं प्रदान कराना तथा सहकारी समितियों को भी आर्थिक रूप से मजबूत बनाना था. इन बुनियादी सुविधाओं में नागरिकों को सस्ती दर पर जेनरिक दवाएं उपलब्ध कराने के लिए जन औषधी केंद्र खोले जाने, सशक्त पैक्सों पर पेट्रौल, डीजल पंप और गैस वितरण केंद्र बनाये जाने, पैक्सों में कॉमन सर्विस सेंटर खोल कर ग्रामीणों को बैकिंग सेवाएं, रेल टिकट, जहाज टिकट आदि सहित कई इ-सेवाएं उपलब्ध कराने की योजनाएं शामिल थी. यही नहीं सरकार द्वारा पैक्सों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में दूध की डेयरी खोले जाने तथा पैक्सों द्वारा मछली पालन किये जाने की योजनाओं को भी प्रस्तावित किया गया था. लेकिन, दो साल बीतने के बाद भी सरकार की समृद्धि योजना के तहत पैक्स के माध्यम से बहाल की जाने वाली उपरोक्त योजनाओं में से कोई योजना अभी जिला सहकारिता विभाग के माध्यम से जिले के किसी पंचायत या किसी प्रखंड में सरजमीं पर नहीं उतारी जा सकी है. जिले में वर्तमान में संचालित की जा रही 146 पैक्स समितियां और नौ व्यापार मंडलों में अभी भी अपने परंपरागत व्यवस्था सरकार के समर्थन मूल्य पर किसानों से धान और गेहूं खरीदने का ही चालू है. कुछ पैक्सों द्वारा पिछले कुछ सालों से खाद की बिक्री भी शुरू करायी गयी है. लेकिन, पैक्सों का खाद बिक्री केंद्र भी अभी व्यापक रूप से लोगों के बीच पकड़ नहीं बना सका है. क्या कहते हैं जिला सहकारिता पदाधिकारी इस संबंध में सोमवार को जिला सहकारिता पदाधिकारी शशिकांत शशि से पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि अभी सरकार की समृद्धि योजना के तहत पैक्सों पर किसी भी योजना का लागू नहीं किया गया. पेट्रोल और डीजल पंप खोलने के लिए जिले के सलथुआ पैक्स का चयन किया गया था. लेकिन, भूमि विवाद होने के कारण उसे स्थगित कर दिया गया. वर्तमान में जन औषधी केंद्र खोलने को लेकर पैक्सों से प्रस्ताव मांगा जा रहा है. इसमें भगवानपुर, ददरा, जलालपुर आदि पैक्सों का प्रस्ताव प्राप्त भी किया गया है. इन्सेट समृद्धि योजना को धरातल पर उतारने के लिए गठित हुई थी समिति भभुआ. सरकार की समृद्धि योजना को धरातल पर उतारने के लिए दो वर्ष पूर्व एक समिति का भी गठन किया गया था. लेकिन, फिलहाल समिति की भूमिका भी सरकार के समृद्धि योजना के क्रियान्वयन को लेकर जिले में कहीं दिखाई नहीं देती है. तत्कालीन जिला सहकारिता पदाधिकारी नयन प्रकाश के अनुसार, जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक जिला स्तरीय 16 सदस्यों की सहकारी विकास समिति का गठन किया गया था. इस समिति की जिम्मेदारी थी कि सहकारी समितियों के माध्यम से गांवों में विभिन्न सुविधाओं को बहाल करने की संभावना के आलोक में विभिन्न सहकारी व्यवसायों का क्रियान्वयन सुनिश्चित करायेगी. तत्कालीन जिला सहकारिता पदाधिकारी नयन प्रकाश के अनुसार, इस समिति का संयोजक सदस्य जिला सहकारिता विभाग को बनाया गया था. जबकि अन्य सदस्यों में मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी जिला पर्षद, अपर जिला दंडाधिकारी राजस्व, जिला पशुपालन पदाधिकारी, जिला गव्य विकास पदाधिकारी , जिला मत्स्य पालन अधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी , महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र, जिला आपूर्ति पदाधिकारी, जिला योजना पदाधिकारी, प्रबंध निदेशक भभुआ-सासाराम सहकारी बैंक लिमटेड, जिला विकास प्रबंधक, प्रतिनिधि राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड, प्रतिनिधि राष्ट्रीय मत्स्य पालन विकास बोर्ड, प्रबंध निदेशक शाहाबाद दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड को समिति में शामिल किया गया था.
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