भभुआ नगर. शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने व शिक्षकों को जिला शिक्षा विभाग कार्यालय व राज्य स्तर के कार्यालय का चक्कर न लगाना पड़े, इसके लिए शिक्षकों की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए राज्य सरकार ने एक नयी पहल की शुरुआत की है. शिक्षक अब इ-शिक्षा पोर्टल पर अपनी समस्या दर्ज कर सकते हैं. समस्या दर्ज करने के लिए वेबसाइट भी विभाग द्वारा जारी कर दिया गया है. जारी वेबसाइट पर शिकायत दर्ज कराने पर अब शिक्षकों की समस्याओं का समाधान मिलेगा. अब शिक्षकों को बार-बार अपनी समस्याओं के समाधान के लिए जिला या राज्य मुख्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. इधर, शिक्षण कर्मियों की शिकायतों के तत्काल निराकरण के लिए अपर मुख्य सचिव शिक्षा विभाग डॉ एसके सिद्धार्थ ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिखा है. लिखे पत्र में कहा है कि बिहार राज्य की शिक्षा व्यवस्था के विकास में शिक्षकों की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है. इस कारण से इनकी समस्याओं के निराकरण की अनेक व्यवस्थाएं की गयी हैं. इसमें जिला-प्रखंड के स्तर पर इनकी समस्याओं का निष्पादन हेतु प्रत्येक शनिवार को जनता दरबार आयोजित करना है, ताकि शिक्षकों की समस्याओं का समाधान स्थानीय स्तर पर हो सके. क्योंकि शिक्षकों की समस्याओं व शिकायतों का निराकरण स्थानीय स्तर पर नहीं होने के कारण कई शिक्षक मुख्यालय में स्थापित कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में अपनी शिकायत दर्ज कराने लगे हैं. साथ ही स्थानीय स्तर पर शिक्षकों की समस्या का निष्पादन नहीं होने के कारण बड़ी संख्या में शिक्षक राज्य मुख्यालय में पहुंच जाते हैं व कभी-कभी ऐसा देखा गया है कि पूरे परिवार सहित अपनी समस्या लेकर वरीय पदाधिकारियों से मिलने सचिवालय पहुंच जाते हैं. इससे जहां एक ओर शिक्षकों को व्यक्तिगत कठिनाई होती है, वहीं दूसरी ओर राज्य मुख्यालय कार्यालय का कार्य बाधित होता है. साथ ही लिखे गये पत्र में कहा है कि इस तरह के आने वाली समस्याओं के बारे में बार-बार क्षेत्रीय पदाधिकारियों को कहा गया है कि वे स्थानीय स्तर पर ही शिक्षकों की विभिन्न समस्याओं का निष्पादन करें. लेकिन ऐसा लगता है कि इसे गंभीरतापूर्वक नहीं लिया जा रहा है. = शिक्षकों के मामले के लिए वेबसाइट स्थापित अपर मुख्य सचिव शिक्षा विभाग ने जारी निर्देशित पत्र में कहा है कि शिक्षकों की समस्या के निष्पादन हेतु एक स्ट्रक्चर्ड वेबसाइट स्थापित की गयी है. इसके अंतर्गत इ-शिक्षा कोष पोर्टल पर शिक्षकों को शिकायत दर्ज करने हेतु विकल्प दिया जा रहा है. विभिन्न प्रकार की शिकायतों की सूची अनुलग्नक के रूप में संलग्न है, जो भी शिक्षक राज्य सरकार के अधीन कार्यरत हैं वे अपने लॉगिन के माध्यम से अपनी शिकायत इ-शिक्षा कोष पोर्टल माध्यम से दर्ज कर सकते हैं. =इन विषयों के संबंध में शिक्षक अपनी दर्ज करा सकते हैं शिकायत अपर मुख्य सचिव ने जारी आदेश में कहा है कि शिक्षक अब पोर्टल के माध्यम से इन विषयों के संबंध में यानी लंबित वेतन भुगतान, वेतन भुगतान, बकाया वेतन भुगतान, वेतन गणना सही नहीं होना, बकाया गणना सही नहीं होना है. अवकाश : अस्वीकृत अवकाश, कम-अवधि अवकाश स्वीकृति, चिकित्सा अवकाश, अध्ययन अवकाश, मातृत्व अवकाश, अन्य अवकाश. सेवा संबंधित शुद्धियां : वेतन शुद्धि, योगदान की अवधि शुद्धि, पदस्थान के स्थान में शुद्धि, विषय में शुद्धि, जन्म तिथि में शुद्धि व अन्य शुद्धि. पीएम पोषण योजना : भोजन की गुणवत्ता, भोजन की आपूर्ति न होना, एमडीएम से संबंधित अन्य. सरकारी योजना से संबंधित : बच्चों को किताब अप्राप्त रहना, बच्चों को पोशाक राशि अप्राप्त रहना, साइकिल का पैसा अप्राप्त रहना, मुख्यमंत्री किशोरी स्वास्थ्य योजना का पैसा अप्राप्त रहना, मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना का पैसा अप्राप्त रहना. बेंच डेस्क की कमी, शौचालय, बिजली, जल आपूर्ति, स्मार्ट क्लास/आईसीटी लैब व अन्य निर्माण संबंधी, विद्यालय भवन या जमीन का अतिक्रमण, ध्वस्त किये जाने वाले भवन. भ्रष्टाचार : किसी भी कर्मचारी के विरूद्ध, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के विरुद्ध भ्रष्टाचार की शिकायतें. यौनाचार प्रताड़ना : यौन उत्पीड़न, अन्य कर्मचारी-शिक्षक द्वारा उत्पीड़न, आम जन द्वारा उत्पीड़न. शिक्षकों के विरुद्ध शिकायत : प्रधान शिक्षक, प्रधानाध्यापक व अन्य शिक्षक के विरुद्ध शिकायत, गैर शिक्षक कर्मियों के विरुद्ध शिकायत, विद्यार्थियों के साथ दुर्व्यवहार की शिकायत. स्थानांतरण संबंधित शिकायत : असाध्य रोग (कैंसर रोग), गंभीर बीमारी (किडनी, हृदय रोग व लीवर से संबंधित), विशेष रूप से सक्षम व्यक्तियों के आधार पर, ऑटिज्म/मानसिक विकलांगता, विधवा व परित्यक्त महिला शिक्षक, पति-पत्नी के पदस्थापन के आधार पर, दूरी के आधार पर. आपातस्थिति : चिकित्सा आपात स्थिति, जान का खतरा से संबंधित शिकायत विभाग द्वारा जारी वेबसाइट पर कर सकते हैं.
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