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Kaimur News : ताड़ की सूखी डालियों की चपेट में आने से नीरा उत्पादक की मौत

मंगलवार की दोपहर ताड़ की सूखी हुई डालियों ( खंघढ़ों) की चपेट में आने से एक नीरा उत्पादक (पासी) की मौत हो गयी. यह घटना स्थानीय थाना क्षेत्र अंतर्गत परमालपुर गांव में जाने वाली सड़क की बगल में स्थित एक ताड़ के पेड़ की है.

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भगवानपुर. मंगलवार की दोपहर ताड़ की सूखी हुई डालियों ( खंघढ़ों) की चपेट में आने से एक नीरा उत्पादक (पासी) की मौत हो गयी. यह घटना स्थानीय थाना क्षेत्र अंतर्गत परमालपुर गांव में जाने वाली सड़क की बगल में स्थित एक ताड़ के पेड़ की है. घटना के संबंध में पता चला है कि भगवानपुर गांव निवासी विजय पासी उर्फ विजय चौधरी पिता स्वर्गीय रामचंद्र पासी नीरा उत्पादन करने को लेकर ताड़ की साफ-सफाई करने के लिए ताड़ पर चढ़ा था, इस दौरान ताड़ की डालियों (खंघढ़ों) का एक बड़ा समूह उसके ऊपर गिर गया, जिससे उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गयी. घटना के कुछ देर बाद रास्ते से गुजर रहे किसी राहगीर ने ताड़ के पेड़ पर रस्से के सहारे लटके विजय पासी के शरीर को देख शोरगुल करना शुरू किया, फिर देखते-ही-देखते घटना स्थल पर कई राहगीरों की भीड़ इकट्ठा हो गयी. इसके बाद किसी राहगीर द्वारा इस घटना की सूचना फोन के माध्यम से मृतक के परिजनों को देने के साथ पुलिस को दी गयी. इस दौरान मृतक के परिजन आनन-फानन में घटनास्थल पर पहुंचे, वहीं सब इंस्पेक्टर दिवाकर गिरी के नेतृत्व में पुलिस भी पहुंची व डेड बॉडी को ताड़ के पेड़ से उतारने के बाद उसका मृत्यु समीक्षा रिपोर्ट तैयार करते हुए अंत्य परीक्षण हेतु मृत शरीर को जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल भेज दिया गया. घटना की सूचना पर पंचायत के मुखिया उपेंद्र पांडेय, उप प्रमुख प्रतिनिधि संजय सिंह उर्फ भोला सिंह, पूर्व मुखिया गब्बर मियां, राशन वितरण प्रणाली डीलर संघ के प्रखंड अध्यक्ष वशिष्ठ सिंह के साथ कई अन्य जनप्रतिनिधि वसमाजसेवी घटनास्थल पर पहुंचे थें, जिनके द्वारा रोते-बिलखते परिजनों का ढाढ़स बंधाते देखा गया. मृतक के भतीजा सतीश कुमार उर्फ राजा भाई चौधरी ने बताया कि इस घटना की सूचना के बाद जब हमारे परिजन घटनास्थल पर पहुंचे, तो देखा गया कि मेरे चाचा ताड़ के खंघढ़ों से ढके हुए हैं. इस दौरान उनके शरीर का काफी कम हिस्सा दिखाई दे रहा था. जब ताड़ के पेड़ पर चढ़कर खंघढ़ों को हटाया गया तो पाया कि मेरे चाचा मोटे रस्से से ताड़ के पेड़ के बीचो-बीच पीछे की ओर लटके हुए हैं व उनके आधे शरीर के साथ उनके दोनों हाथ पीछे की ओर हवा में लहरा रहे थे. भतीजे सतीश उर्फ राजा भाई चौधरी ने बताया कि मेरे चाचा के शरीर पर अचानक ताड़ के पेड़ के खंघढ़ों के समूह गिरने से उन्हें काफी अंदरुनी चोटें पहुंची होंगी, वहीं इतनी काफी तापमान में ससमय पानी भी नहीं मिला होगा. लिहाजा गंभीर चोट व प्यास से उनकी मौत हुई है. बताया जाता है कि मृतक अपने सभी पांच भाइयों में सबसे छोटा था. इस घटना के बाद उसकी पत्नी नीतू देवी का रो-रोकर बुरा हाल है. मृतक की केवल दो मासूम बेटियां हैं, इनमें शिवानी 7 वर्ष व छोटी 4 वर्ष के नाम शामिल हैं. मृतक के बड़े भाइयों क्रमशः बृजमोहन पासी, बिरजू पासी, सुदर्शन पासी व सुदामा पासी ने बताया कि उनका छोटा भाई विजय आर्थिक रूप से काफी निर्धन था, वह ताड़ व खजूर से नीरा उत्पादन कर किसी तरह से अपने छोटे परिवार का भरण-पोषण किया करता था. मगर उसके परिवार पर अचानक दुखों का पहाड़ टूट पड़ा, ऐसे में उसकी पत्नी व दोनों ही मासूम बच्चियों का कौन पालन-पोषण करेगा, इस मामले में हमें कुछ सूझ नहीं रहा है. इधर घटना स्थल पर पहुंचे जनप्रतिनिधियों ने भी मृतक को काफी निर्धन व्यक्ति बताया तथा प्रशासन से आर्थिक सहयोग की मांग की.

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