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प्रभात एक्सक्लूसिव : बनारस-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे का निर्माण शुरू

Kaimur News : सर्किल रेट दोगुना होने के बाद उसी दर से मुआवजे का हो रहा भुगतान

-मुआवजा को लेकर जमीन मालिकों से चल रहा था विवाद

-बेतरी दुमदुम ढढ़नियां और गोडहन में अधिग्रहित जमीन के सफाई का काम शुरू

– 70 मीटर चौड़े अधिग्रहित जमीन के दोनों तरफ गाड़े जा रहे हैं पिलर

विकास कुमार, भभुआ कार्यालय

भारत माला परियोजना के तहत बनाये जा रहे बनारस रांची कोलकाता एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य कैमूर जिले में शुरू हो गया है. मुआवजा को लेकर जमीन मालिकों के साथ लंबे समय से चल रहे विवाद व आंदोलन के कारण निर्माण करने वाली कंपनी कार्य शुरू नहीं कर पा रही थी, लेकिन अधिग्रहित होने वाले जमीन का सर्किल रेट आर्बिट्रेटर के द्वारा दोगुना किये जाने के बाद भुगतान की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. और करीब 10 किसानों के खाते में मुआवजे की राशि का भुगतान कर भी दिया गया है. इसके बाद निर्माण करने वाली एजेंसी के द्वारा एक्सप्रेसवे के लिए अधिग्रहण की गयी जमीन पर काम जोर-शोर से शुरू कर दिया गया है. कैमूर जिले में पहले चरण में जिन गांवों में भुगतान शुरू हुआ है, वहां काम शुरू किया गया है. भभुआ प्रखंड के बेतरी दुमदुम ढढ़नियां और गोडहन अधिग्रहित की जाने वाली जमीन के दोनों तरफ पिलर गाड़ने एवं सीएनजी यानी सफाई का काम शुरू कर दिया गया है. सफाई का काम पूर्ण होने के बाद मिट्टी गिरने का काम शुरू किया जायेगा.

= 70 मीटर चौड़ी अधिग्रहित जमीन के दोनों तरफ बनाये जा रहे नालेबनारस रांची कोलकाता एक्सप्रेसवे के निर्माण में कैमूर जिले में काम कर रही कंपनी पीएनसी के प्रोजेक्ट मैनेजर अमित कुमार ने बताया कि अभी एक्सप्रेसवे के लिए अधिग्रहीत जमीन 70 मीटर की चौड़ाई में दोनों तरफ पिलर गाड़ने एवं ट्रेंच यानी नाली बनाने का काम कर रहे हैं इसके साथ ही एक्सप्रेसवे के लिए जो जमीन अधिग्रहण किया गया है, उसका सीएनजी यानी साफ-सफाई करायी जा रही है. गेहूं की कटनी के बाद जो डंठल है या फिर अपनी चीजों की साफ सफाई करायी जा रही है. साफ-सफाई का काम पूर्ण होने के बाद मिट्टी गिरने का काम किया जायेगा. एक्सप्रेसवे की जमीन के लिए 70 मी चौड़ा जमीन अधिग्रहित की गयी है. कहीं-कहीं पर जहां एक्सप्रेसवे से उतरना है या चढ़ना है वहां पर अधिक जमीन अधिग्रहित की गयी है, जहां जितना जमीन अधिग्रहित की गयी है, उसके दोनों तरफ ट्रेंच यानी नाला बनाया जा रहा है.

= कैमूर जिले में 52 किलोमीटर एक्सप्रेसवे का होगा निर्माणबनारस-रांची कोलकाता एक्सप्रेसवे बनारस से रांची होते हुए कोलकाता तक जायेगी इसकी कुल लंबाई 610 किलोमीटर है. कैमूर जिले में यह सड़क 52 किलोमीटर लंबी होगी. यह जिले के चांद, चैनपुर, भगवानपुर, भभुआ और रामपुर से होकर गुजरेगी. कैमूर जिले में 52 किलोमीटर की एक्सप्रेसवे निर्माण के लिए तीन पैकेज बनाये गये पहले पैकेज में चांद प्रखंड का 5 किलोमीटर आता है. दूसरे पैकेज में चांद चैनपुर एवं भभुआ प्रखंड का 27 किलोमीटर आता है. वहीं, तीसरे पैकेज में भगवानपुर एवं रामपुर प्रखंड का 20 किलोमीटर आता है. अभी पैकेज दो यानी चंद चैनपुर एवं भभुआ में 27 किलोमीटर में काम करने वाली कंपनी पीएसी के द्वारा भभुआ प्रखंड के चार गांव में काम शुरू किया गया. पैकेज दो में 27 किलोमीटर एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिये 810 करोड़ रुपये की प्रस्तावित राशि है.

आंदोलन के कारण पिछले एक साल से नहीं शुरू हो पा रहा था काम

दरअसल जमीन का मुआवजा कम मिलने के कारण पिछले एक साल से बनारस रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य कैमूर जिले में शुरू नहीं हो पा रहा था. जमीन के उचित मुआवजा को लेकर जमीन मालिक पिछले एक साल से अधिक समय से आंदोलन कर रहे थे. इस बीच जमीन मालिकों के द्वारा आर्बिट्रेटर के यहां भी जमीन का सर्किल रेट को बढ़ाने को लेकर अपील की गयी थी. जिस पर सुनवाई करते हुए आर्बिट्रेटर के द्वारा भभुआ प्रखंड के जमीन मालिकों का सर्किल रेट दोगुना कर दिया गया. इसके बाद जमीन की मुआवजा राशि भी दोगुनी हो गयी और आर्बिट्रेटर के द्वारा दुगना किये गये मुआवजा की राशि के भुगतान के लिये एनएचएआइ ने मंजूरी भी दे दी. मंजूरी मिलते ही जमीन मालिकों का भुगतान भी शुरू हो गया है. इनमें लगभग 10 जमीन मालिकों को जमीन का मुआवजा भी उनके खाते में भेज दिया गया है. मुआवजा का भुगतान शुरू होने के बाद किसानों का आंदोलन भी अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है. वहीं, जिन इलाकों में मुआवजे का भुगतान शुरू हो गया वहां पर एक्सप्रेसवे निर्माण का कार्य भी शुरू कर दिया गया है.

महत्वाकांक्षी योजना एक्सप्रेसवे की निर्माण कार्य को शुरू करने के लिए डीएम ने की कड़ी मेहनत

बनारस रांची कोलकाता एक्सप्रेसवे का निर्माण केंद्र व राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है. जमीन मालिकों के आंदोलन के कारण इसका निर्माण कार्य कैमूर जिले में शुरू नहीं हो पा रहा था. जहां देश स्तर पर महत्वपूर्ण इस एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य जल्द शुरू हो सके इसके लिए लगातार कैमूर के डीएम सावन कुमार के द्वारा जमीन मालिकों के साथ-साथ अपने वरीय अधिकारियों से संपर्क कर मामले में सभी तरह के विवाद व आंदोलन समाप्त करने के लिए कड़ी मेहनत की गयी. आर्बिट्रेटर के द्वारा मुआवजे की राशि दुगनी किये जाने के बाद जल्द से जल्द राशि का भुगतान करने के लिए भी उनके द्वारा लगातार प्रयास किया गया. जमीन मालिकों को मुआवजा लेने में कोई परेशानी न हो इसके लिए हर गांव में कैंप लगा. उनके कागजातों को दुरूस्त करने की भी व्यवस्था मिशन मोड़ में शुरू की गयी. इसका नतीजा रहा की बहुत जल्द भुगतान की प्रक्रिया शुरू हो गयी और मुआवजे की राशि दोगुनी होने व भुगतान की प्रक्रिया शुरू होने के बाद जमीन मालिक भी आपत्ति के साथ मुआवजा की राशि लेने के लिए तेजी से कागजात जमा करने लगे, जिसका नतीजा रहा कि कैमूर जिले में बनारस-रांची -कोलकाता एक्सप्रेसवे का काम अब शुरू हो गया है, जिससे जिले वासियों को काफी लाभ मिलेगा.

क्या कहते हैं डीएम

डीएम सावन कुमार ने बताया कि आर्बिट्रेटर के फैसले के अनुसार सर्किल रेट दोगुना होने के बाद उसे दर से मुआवजे का भुगतान शुरू हो गया है. साथ ही उन्होंने कहा कि जमीन मालिकों से वार्ता व उनके सहयोग से ही राष्ट्रीय महत्व के इस महत्वाकांक्षी योजना बनारस रांची कोलकाता एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य शुरू हो सका है.

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