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Kaimur News : नप परिसर में लगे मेले में ढाई सौ रुपये की मजदूरी पर पानी फेंकते मिले स्कूली बच्चे

एक तरफ जहां केंद्र और राज्य सरकार बाल मजदूरी को लेकर जहां सख्त कानूनी प्रावधान बना रखा है, वहीं भभुआ शहर में नगरपालिका परिसर में लगे मेले में नाबालिग स्कूली बच्चों से ढाई सौ रुपये की दिहाड़ी पर उनसे मजदूरी करायी जा रही है.

भभुआ सदर. एक तरफ जहां केंद्र और राज्य सरकार बाल मजदूरी को लेकर जहां सख्त कानूनी प्रावधान बना रखा है, वहीं भभुआ शहर में नगरपालिका परिसर में लगे मेले में नाबालिग स्कूली बच्चों से ढाई सौ रुपये की दिहाड़ी पर उनसे मजदूरी करायी जा रही है. स्कूली बच्चों से मेले में काम कराये जाने का खुलासा उस वक्त हुआ, जब प्रभात खबर की टीम सोमवार को दोपहर 12 बजे मेला परिसर में पहुंची. वहां सरकारी स्कूल का ड्रेस पहन कुछ स्कूली बच्चे मेला परिसर में बने रास्तों पर जग आदि से पानी फेंकते मिले. स्कूली बच्चों से जब मेला परिसर में पानी फेंकने के बारे में पूछा गया, तो उनका कहना था कि वह सभी छात्र वार्ड 12 स्थित मध्य विद्यालय में वर्ग दो में पढ़ते है और उन्हें मेला परिसर में काम करने के लिए ढाई सौ रुपये मिलते है. जब उनसे पूछा गया तो छात्रों ने बताया कि झूला संचालक द्वारा उन्हें पैसा दिया जाता है. हालांकि, फोटो खींचता देख स्कूली बच्चे सकपका गये और जाकर संचालक से इसकी जानकारी दी, तो संचालक द्वारा काम कर रहे स्कूली बच्चों को वहां से जाने को कह दिया गया. इधर, मेले में स्कूली बच्चों से काम लिये जाने की जानकारी जब परिसर में ही स्थित वार्ड 12, मध्य विद्यालय की प्रधानाध्यापक नीलम कुमारी को जानकारी देते हुए उन्हें मेले में काम करते स्कूली बच्चों का वीडियो दिखाया गया, तो पहले प्रधानाध्यापिका सहित विद्यालय की शिक्षिका हतप्रभ रह गयी, फिर उन्होंने बच्चों की पहचान करते हुए बताया कि तीनों छात्र सुबह साढ़े नौ बजे विद्यालय आये थे और विद्यालय से मध्याह्न भोजन खाकर गये है. अब कैसे मेले में काम करने गये, उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. इधर, मेला परिसर में ढाई सौ रुपये की मजदूरी पर नाबालिग स्कूली छात्रों से काम लिये जाने का मामला नगर पर्षद परिसर में लगे भारतीय हस्तशिल्प मेला के संचालक अजित कुमार पांडेय के संज्ञान में लाया गया, तो उन्होंने इस घटना से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि मेले में कई दुकानदारों ने अलग-अलग स्टॉल और झूला आदि लगाया गया है. अब किसके द्वारा स्कूली बच्चों से काम लिया जा रहा था, इसकी जानकारी उन्हें नही है. आज तक नगरपालिका परिसर में मेला लगा हुआ है और मामले में वह कुछ कह नहीं सकते. = वीडियो फुटेज के आधार पर होगी कार्रवाई इधर, नप परिसर में लगे हस्तशिल्प मेले में स्कूली छात्रों से बाल मजदूरी कराने के संबंध में श्रम अधीक्षक भभुआ चंदन कुमार का कहना था कि बाल मजदूरी कराना कानूनन जुर्म है और इसके लिए वांछित व्यक्ति या संस्था पर जुर्माना सहित कानूनी प्रावधान है. उन्हें स्कूली छात्रों से काम कराने का वीडियो फुटेज मिला है. फुटेज के आधार पर श्रम विभाग आगे की कार्रवाई करेगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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