चांद. प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में पराली जलाये जाने से पेड़-पौधों को काफी नुकसान पहुंच रहा है. सड़क के किनारे व खेतों के मेड़ पर लगाये गये पेड़-पौधे झुलस कर सूख रहे हैं. इस तरह की स्थिति चांद प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में है. एक तरफ मनरेगा व वन विभाग की ओर से पेड़-पौधे लगाये गये हैं. सुरक्षा को लेकर उनकी अच्छी तरह से बैरिकेडिंग भी की गयी है. वहीं, दूसरी ओर पराली जलाये जाने से पेड़-पौधे झुलस गये हैं. इससे पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंच रहा है. पराली जलाने से जान माल की भी काफी क्षति हो रहा है. इस संबंध में सामाजिक कार्यकर्ता रामप्यारे प्रसाद ने कहा कि पराली जलाये जाने से इस बार काफी संख्या में पेड़ पौधे सुख गये हैं. इससे पर्यावरण को काफी नुकसान हुआ है. इस विषय पर किसानों को गंभीरता से विचार कर करना चाहिए. साथ ही इस पर सरकार व वन विभाग को भी ध्यान देना चाहिए. वहीं, इस संबंध में मोरवा गांव के किसान रविशंकर सिंह ने कहा कि पराली जलाना किसानों की अज्ञानता है. परंतु, यह मजबूरी बस पराली जलाते हैं. इस पर सरकार और पर्यावरण विद् को कोई बेहतर विकल्प तलाशना चाहिए. ताकि, कम खर्च में पराली का उचित प्रबंधन हो सके, जिससे गरीब किसानों के लिए भी कोई समस्या नहीं, बल्कि उनके समस्याओं का बेहतर तरीके से समाधान होना चाहिए.
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