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Kaimur News : अधिग्रहित भूमि के मुआवजे को ले चार राजस्व ग्रामों के पंचाट को मिली स्वीकृति

वाराणसी-कोलकाता-एक्सप्रेसवे निर्माण में अधिग्रहित भूमि के मुआवजा भुगतान को लेकर फिर चार राजस्व ग्रामों के पंचाट को एनएचएआइ वाराणसी द्वारा स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है.

भभुआ. जिले में भारत माला परियोजना के तहत बनाये जाने वाले वाराणसी-कोलकाता-एक्सप्रेसवे निर्माण में अधिग्रहित भूमि के मुआवजा भुगतान को लेकर फिर चार राजस्व ग्रामों के पंचाट को एनएचएआइ वाराणसी द्वारा स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है. इन राजस्व ग्रामों में 28 जून से दो जुलाई तक मुआवजा भुगतान को लेकर विशेष शिविर का आयोजन किया जायेगा. इधर, इस संबंध में जिला प्रशासन द्वारा जारी प्रेस नोट के अनुसार, अब तक आर्बिट्रेटर न्यायालय के आदेश के आलोक में कोलकाता- वाराणसी एक्सप्रेसवे में अधिग्रहित भूमि को लेकर कुल 56 मौजों के पंचाट को स्वीकृति प्रदान कर दिया गया है. इसमें से 52 मौजों में भुगतान की प्रक्रिया भी शुरू करा दी गयी है. इसके तहत अब तक 22 करोड़ से अधिक राशि रैयतों के खाते में भेजी जा चुकी है. इधर, वाराणसी एनएचएआइ द्वारा नये पंचाटों को दी गयी स्वीकृति में जिले के जिगना, गोई, खैटी और सिहरियां राजस्व ग्राम शामिल हैं. यहां जिला प्रशासन द्वारा 28 जून से लेकर दो जुलाई तक किसानों के मुआवजा भुगतान को लेकर विशेष शिविर का आयोजन कराया जायेगा. जिला भू अर्जन पदाधिकारी ने बताया कि अब तक पंचाट को स्वीकृति मिले मौजों के रैयतों को थाना और अंचल के माध्यम से नोटिस भी निर्गत किया जा रहा है. जिन रैयतों को नोटिस नहीं मिल रहा है, वे रैयत जिला भू अर्जन कार्यालय से सीधे नोटिस प्राप्त कर सकते हैं. जिला भू अर्जन पदाधिकारी ने बताया कि जिला प्रशासन प्रत्येक रैयत को सटीक, समयबद्ध ओर न्यायसंगत मुआवजा प्रदान करने के लिए पारदर्शी और शिकायत मुक्त प्रक्रिया प्रशासन अपना रहा है. इसमें रैयतों को भी सहयोग करना चाहिए, ताकि मुआवजा भुगतान जल्द प्राप्त किया जा सके. = शिविर में किसान आवश्यक कागजात करायेंगे उपलब्ध अधिग्रहित भूमि के मुआवजा को लेकर लगाये जाने वाले शिविर में किसान अपने अधिग्रहित जमीन के स्वामित्व का आवश्यक कागजात उपलब्ध करायेंगे. उपरोक्त जानकारी देते हुए जिला भू अर्जन पदाधिकारी ने बताया कि भूमि स्वामित्व से संबंधित कागजात जैसे खतियान, केवाला, अद्यतन लगान रसीद जिस पर खाता, खेसरा और रकबा अंकित हो, वंशावली, नक्शा आदि कागजात किसान उपलब्ध करायेंगे. इसके बाद संबंधित अमीन द्वारा जमीन की मापी की जायेगी. उसे अंचलाधिकारी सत्यापित करेंगे और फिर मुआवजा भुगतान की प्रक्रिया आरंभ करा दी जायेगी. उन्होंने बताया कि विशेष शिविर में किसानों को मौके पर ही एलपीसी, वंशावली निर्गत किया जायेगा. इसके बाद मुआवजा भुगतान को लेकर किसानों का आवेदन लिया जायेगा. रैयतों के शिकायतों का भी निबटारा किया जायेगा. मिलाजुला कर इन शिविरों में किसानों को सभी सुविधाएं उपलब्ध करायी जायेंगी, ताकि किसानों को पटना नहीं जाना पडे. रैयत भू अर्जन कार्यालय तथा आर्बिट्रेटर न्यायालय में भी आवेदन दे सकते हैं. इन आवेदनों को कोर्ट विशेष कैंप के माध्यम से शीघ्र निष्पादित किया जायेगा.

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