भभुआ सदर. शुक्रवार को लगभग नौ महीने के बाद नगर पर्षद भभुआ की आयोजित हुई सामान्य बैठक काफी हंगामेदार रही. इस दौरान पार्षदों ने मनमानी और अनियमितता को लेकर जमकर हंगामा मचाने के साथ माइक और कागजात फेंक कर भारी विरोध दर्ज कराया. बैठक में उपस्थित पार्षदों ने आरोप लगाया कि भभुआ नगर पर्षद को कुछ चंद ठेकेदार चला रहे हैं. कार्यालय में कमीशन के चक्कर में बगैर काम के ही पैसे निकाल लिये जा रहे हैं. इस दौरान पार्षदों ने शहर के बाहर बने लिच्छवी भवन में बगैर किसी प्रोसिडिंग के एक करोड़ 35 लाख रुपये खर्च कर देने को लेकर सवाल पूछे और इसकी जानकारी देने की मांग की. उनका कहना था कि शहर के बाहर करोड़ों रुपये खर्च कर दिये गये, लेकिन शहर के हृदय स्थली एकता चौक को सजाने संवारने का कोई भी काम नहीं किया जा रहा है. बैठक के दौरान वार्ड पार्षदों ने नगर पर्षद में आउटसोर्सिंग के माध्यम से हुई बहाली को लेकर भी काफी हंगामा मचाया. इस दौरान मुख्य पार्षद और कुछ पार्षदों में नोकझोंक भी हुई. हालांकि, बैठक के दौरान ही 18 सदस्यों के द्वारा आउटसोर्सिंग की बहाली रद्द करने की मांग की गयी, जिस पर कुछ महीने पहले की गयी बहाली को 18 वार्ड पार्षदों के बहुमत के चलते रद्द कर दिया गया. हालांकि, मुख्य पार्षद बहाली के रद्द किये जाने के विरोध में रहे. बैठक में नगर पर्षद में बहाल लोक स्वच्छता पदाधिकारी प्रिंस कुमार सिंह पर पार्षदों उत्तम चौरसिया, प्रमोद पाठक, परमानंद केशरी आदि ने नप कार्यालय को गुटबाजी का अड्डा बना देने का आरोप लगाया. पार्षदों का कहना था कि स्वच्छता पदाधिकारी द्वारा 20 सफाई कर्मियों को रखा गया है, लेकिन उक्त सफाईकर्मी कहां काम करते हैं जब इसकी जानकारी मांगी गयी, तो उनके द्वारा पार्षदों के खिलाफ ही थाने में सनहा दर्ज करा दिया गया. पार्षदों ने लोक स्वच्छता पदाधिकारी के मनमानी और गुटबाजी पर नगर पर्षद इओ को विभागीय कार्रवाई के लिए विभाग को लिखने और बर्खास्त करने की मांग की. इसके अलावा बैठक में नगर पर्षद के वर्तमान अधिवक्ता को हटाकर दूसरे अधिवक्ता को रखने की भी मांग उठी. बैठक में नल जल की समस्या, लैंड फील साइट की व्यवस्था करने आदि की भी मांग की गयी. बैठक में उपस्थित उप मुख्य पार्षद रविता पटेल ने नगर पर्षद में तैनात जमादार सहित सभी कर्मियों के वेतन भत्ते में बढ़ोतरी करने, एकता चौक पर पिंक टॉयलेट बनवाने और प्याऊ का निर्माण कराने की मांग रखी, जिसे प्रोसिडिंग में शामिल कर लिया गया. इसके पूर्व बैठक की अध्यक्षता मुख्य पार्षद और परिचालन कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा किया गया. = आठ बार बैठक टालने को लेकर पार्षदों ने पूछे सवाल नौ महीने बाद हुई नगर पर्षद की हंगामेदार बैठक के दौरान पार्षदों ने अपरिहार्य कारणों का हवाला देकर आठ बार बैठक स्थगित किये जाने को लेकर सवाल पूछे. पार्षदों का कहना था कि बिहार नगरपालिका एक्ट में स्पष्ट दर्ज है कि हर महीने एक बैठक अवश्य करना है, लेकिन केवल अपरिहार्य कारणों का हवाला देकर सामान्य बैठक को रद्द किया जाता रहा. पार्षदों ने शहर में लगाये गये तिरंगा एलइडी लाइट, वार्डों में बहाल सफाई जमादारों के कार्यों की की जांच कर कार्रवाई करने, 19 अप्रैल को संभावित नप बजट से पूर्व आय व्यय का लेखा जोखा देने की मांग रखी. पार्षदों ने साफ सफाई को लेकर भी जमकर हंगामा मचाया. पार्षद उत्तम चौरसिया का कहना था कि नगर पर्षद साफ सफाई पर प्रत्येक वर्ष 5 करोड़ 53 लाख रुपये खर्च कर रही है, जबकि आमद मात्र 10 लाख रुपये ही है. इसके अलावा इतने रुपये खर्च किये जाने के बावजूद वार्डों के गली मुहल्ले गंदगी से भरे पड़े है. बैठक में 100 हैंड ट्रॉली क्रय करने और ट्रैक्टर व डंपर भाड़े पर लेने सहित नगर पर्षद कार्यालय के सामने बनाये जानेवाले मार्केट कॉम्प्लेक्स को लेकर अगले बैठक में विचार करने पर निर्णय लिया गया.
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