बेंच 10 पर एसडीजेएम, 11 पर जेएम फर्स्ट व बेंच 12 पर मुंशिफ करेंगे वादों की सुनवाई प्रतिनिधि, मोहनिया सदर 13 दिसंबर को अनुमंडलीय व्यवहार न्यायालय मोहनिया में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जायेगा. इसके लिए तीन बेंच का गठन किया गया है, जिसमें बेंच संख्या 10 पर न्यायाधीश आशीष चंद्रा (एसडीजेएम), बेंच संख्या 11 पर न्यायाधीश गौरव तिवारी (जेएम फर्स्ट) व बेंच संख्या- 12 पर न्यायाधीश हिमांशु भार्गव (मुंशिफ) लोक अदालत में आये मामलों की सुनवाई करेंगे. राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार नयी दिल्ली के निर्देश पर बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जायेगा. जिसमें मुकदमा पूर्व वाद, सुलहनीय आपराधिक वाद, एनआइ एक्ट धारा 138 वाद, बैंक ऋण वसूली वाद, मोटर दुर्घटना दावा, न्यायाधिकरण वाद, वैवाहिक वाद, श्रम वाद, भूमि अधिग्रहण मामले, राजस्व मामले, टेलीफोन (बीएसएनएल) मामले, विद्युत और पानी बिल संबंधित विवाद, (नन कंपाउंडेबल छोड़कर), सेवा (वेतन, भत्ता व सेवानिवृत्ति लाभ से संबंधित) वाद, अन्य दीवानी वाद आदि का निबटारा किया जायेगा. लोक अदालत की आधुनिक विचारधारा भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति पीएन भगवती की ओर से प्रस्तावित एवं कार्यान्वित की गयी है. उन्हें लोक अदालत का जनक के नाम से जाना जाता है. राष्ट्रीय लोक अदालत विवादों को समझौते के माध्यम से सुलझाने के लिए एक वैकल्पिक माध्यम है, जहां सभी प्रकार के सिविल वाद व ऐसे अपराधों को छोड़कर जिसमें समझौता वर्जित है सभी आपराधिक मामले भी लोक अदालतों में निबटाए जा सकते हैं. लोक अदालत के फैसलों के विरुद्ध किसी भी न्यायालय में अपील नहीं की जा सकती है लोक अदालतों की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां लोगों को नि:शुल्क व त्वरित न्याय मिलता है. यह विवादों के निबटारे का वैकल्पिक माध्यम है इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि देश का कोई भी नागरिक आर्थिक या किसी अन्य अक्षमता के कारण न्याय पाने से वंचित न रह जाये. आगामी 13 दिसंबर 2025 को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत की जानकारी न्यायालय कर्मी मेराज आलम ने दी है.
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