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अस्पताल से भागा कैदी मोहनिया से गिरफ्तार
सफलता. 16 अप्रैल की सुबह फरार हुआ था हरेराम 16 अप्रैल को सदर अस्पताल की छत कूद फरार हुए अपहरण व हत्या के आरोपित कैदी को पुलिस ने बुधवार को मोहनिया के देवरिया गांव से गिरफ्तार कर लिया. भभुआ(कार्यालय) : 16 अप्रैल की सुबह सदर अस्पताल के कैदी वार्ड से भागे अपहरण कर हत्या के […]
सफलता. 16 अप्रैल की सुबह फरार हुआ था हरेराम
16 अप्रैल को सदर अस्पताल की छत कूद फरार हुए अपहरण व हत्या के आरोपित कैदी को पुलिस ने बुधवार को मोहनिया के देवरिया गांव से गिरफ्तार कर लिया.
भभुआ(कार्यालय) : 16 अप्रैल की सुबह सदर अस्पताल के कैदी वार्ड से भागे अपहरण कर हत्या के आरोपित हरेराम मल्लाह को भभुआ पुलिस ने चौथे दिन यानी बुधवार को मोहनिया थाना क्षेत्र के देवरिया गांव से गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने उसका छह किलोमीटर तक पीछा किया और दबोच लिया. एएसपी भभुआ जगन्नाथ रेड्डी ने प्रेस वार्ता कर बताया कि गत शनिवार आरोपित हरेराम मल्लाह के सदर अस्पताल के कैदी वार्ड से फरार होने के बाद एसपी हरप्रीत कौर के निर्देश पर उसे गिरफ्तार करने के लिए टीम गठित की गयी थी. जेल से भागने के बाद हरेराम जिस मोबाइल को इस्तेमाल कर रहा था. पुलिस उसे रिकॉर्ड कर लिया था.
बुधवार की दोपहर पुलिस को उसका लोकेशन पुसौली के पास भिट्टी गांव के आसपास मिला. इसके बाद तत्काल भभुआ थानाध्यक्ष अविनाश कुमार ने सब इंस्पेक्टर ओम प्रकाश, सिपाही रविशंकर पासवान एवं दीप लाल महतो को हरेराम की गिरफ्तारी के लिए पुसौली भेजा. भिट्टी गांव के पास जैसे ही पुलिस कर्मियों ने हरेराम को घेरा, वह वहां से भाग खड़ा हुआ. जवानों ने भिट्टी गांव से देवरिया तक लगभग छह किलोमीटर तक हरेराम का पीछा कर उसे गिरफ्तार कर लिया. एएसपी ने बताया कि पुलिस ने हरेराम को फरार होने के 100 घंटे के अंदर गिरफ्तार कर लिया है.
दूसरी बार भागा था हरेराम: अपहरण व हत्या का आरोपित हरेराम दूसरी बार पु्लिस हिरासत से भागा था.पुलिस ने एक अगस्त 2012 को मोहनिया थाना क्षेत्र के मुठानी निवासी लोकेश त्रिवेदी के अपहरण कर हत्या के मामले में उसे गिरफ्तार किया था. लेकिन वह मोहनिया थाने में पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था. इसके बाद पुलिस ने उसे छह दिन बाद छह अगस्त को फिर से गिरफ्तार किया था . इसके बाद वह दुबारा गत 16 अप्रैल को अस्पताल के कैदी वार्ड से फरार हो गया.
प्रेमिका के चक्कर में भागा था हरेराम
गिरफ्तार हरेराम ने बताया कि वह यक्षमा रोग से पीड़ित है और उसे सदर अस्पताल या जेल में दवाई नहीं दी जाती थी. जब वह जेल में था, तो जेल से अस्पताल में भेजने के लिए वहां के कंपाउंडर को 20 हजार रुपया दिया था.
वहीं अस्पताल में परिजन उससे मिले और वह घर का खाना खा सके इसके लिए सुरक्षा में तैनात जवानों को 5 हजार रुपया दिया था. वहीं उसने बताया कि जेल से भागने का मुख्य कारण दवाई का नहीं मिलना. साथ ही उसने बताया कि वह एक लड़की से प्रेम करता है और उस लड़की की शादी होने वाली थी. इसी को लेकर लड़की के साथ भागने का प्लान बना वह जेल से भागा था.
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