भभुआ : जिले में लगभग ढाई दर्जन धान क्रय समितियों के कैश क्रेडिट पर रोक लगने के कारण धान की खरीद बंद कर दिया है. अब तक जिले में लक्ष्य के आलोक में मात्र साढ़े 17 प्रतिशत ही धान की खरीद की जा सकी है. कैश क्रेडिट पर लगी रोक हटाने को लेकर दी सासाराम भभुआ सेंट्रल सेंट्रल कोआपरेटिव बैंक के प्रबंध निदेशक को जिला सहकारिता पदाधिकारी द्वारा पत्र लिखा गया है.
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कैश क्रेडिट लिमिट पर रोक से ढाई दर्जन समितियों में धान खरीद बंद
भभुआ : जिले में लगभग ढाई दर्जन धान क्रय समितियों के कैश क्रेडिट पर रोक लगने के कारण धान की खरीद बंद कर दिया है. अब तक जिले में लक्ष्य के आलोक में मात्र साढ़े 17 प्रतिशत ही धान की खरीद की जा सकी है. कैश क्रेडिट पर लगी रोक हटाने को लेकर दी सासाराम […]
गौरतलब है कि इस साल जिले में गत वर्ष की तुलना में 90 हजार एमटी अधिक यानी दो लाख 40 हजार एमटी अधिक धान की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
लेकिन, सहकारिता विभाग के अनुसार अब तक पिछले वर्ष की तुलना में काफी कम धान की खरीद की गयी है. बुधवार तक जिले में मात्र 42 हजार एमटी धान की खरीद की गयी थी. यही नहीं जिले में लगभग ढाई दर्जन धान क्रय समितियां जिसमें पैक्स समिति से लेकर कुछ व्यापार मंडल भी शामिल हैं, द्वारा पैसे के अभाव में धान की खरीद बंद करने की भी बात बतायी जा रही है.
इस संबंध में जिला सहकारिता पदाधिकारी सह धान क्रय नोडल पदाधिकारी ने बताया कि कई समितियों के लिमिट पर कैप लगने से उनका कैश क्रेडिट लिमिट समाप्त हो गया है. इससे धान क्रय का काम प्रभावित हुआ है. इसे लेकर सासाराम सहकारी बैंक के एमडी को कैश क्रेडिट से कैप हटाने और लिमिट उपलब्ध कराने को ले पत्र लिखा गया था.
अगर लिमिट समय से नहीं मिलता है तो ये समितियां अपना लक्ष्य पूरा नहीं कर पायेगी. गौरतलब है कि धान क्रय को लेकर सरकार स्तर से किये जाने वीसी में यह लगातार कहा जा रहा है कि कैश क्रेडिट के कारण धान अधिप्राप्ति बाधित नहीं होना चाहिए.
150 में 115 क्रय समितियां ही चालू
गौरतलब है कि चालू विगत वर्ष में किसानों से धान अधिप्राप्ति करने 141 पैक्स समितियों और नौ व्यापार मंडलों को अधिकृत किया गया था. इसमें से लगभग एक सप्ताह पहले तक लगभग 140 क्रय समितियों द्वारा धान की अधिप्राप्ति की जा रही थी. लेकिन वर्तमान में कैश के अभाव में इसमें से ढाई दर्जन समितियों के बंद होने के बाद धान क्रय करने वाले समितियों की संख्या लगातार घट रही है.
गौरतलब है कि इस बार पिछले वर्ष धान क्रय में अच्छा प्रदर्शन करने वाले समितियों को लक्ष्य बढ़ाया गया था. लेकिन, पैसे के अभाव में इनके द्वारा क्रय को अब बंद कर दिया गया है.
इसमें मुख्य रूप से अधौरा की दीघार समिति, भभुआ की महुआरी, रूईयां, सोनहन, भगवानपुर की पढ़ौती, कुदरा की सकरी, चैनपुर की डुमरकोन, चांद की कुड्डी, मोहनियां की अकोढ़ी, रामगढ़ की नरहन जमुरना, रामपुर की बड़कागांव, जलालपुर, सवार आदि समितियों द्वारा धान क्रय नहीं की जा रही है.
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