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संतान के लिए आज निर्जला व्रत
भभुआ शहर : जिले सहित ग्रामीण क्षेत्रों में बुधवार को जीवितपुत्रिका (जिउतिया) का पर्व पुत्र की दीर्घायु के लिए माताएं निर्जला व्रत रखेंगी. सोमवार को श्रद्धा और आस्था का जिउतिया पर्व को लेकर शहर में काफी चहल-पहल देखी गयी. जिउतिया अर्थात जीवित्पुत्रिका व्रत का विशेष महत्व है. जीवितपुत्रिका व्रत माताएं अपनी संतान की सुरक्षा, स्वस्थ, […]
भभुआ शहर : जिले सहित ग्रामीण क्षेत्रों में बुधवार को जीवितपुत्रिका (जिउतिया) का पर्व पुत्र की दीर्घायु के लिए माताएं निर्जला व्रत रखेंगी. सोमवार को श्रद्धा और आस्था का जिउतिया पर्व को लेकर शहर में काफी चहल-पहल देखी गयी. जिउतिया अर्थात जीवित्पुत्रिका व्रत का विशेष महत्व है. जीवितपुत्रिका व्रत माताएं अपनी संतान की सुरक्षा, स्वस्थ, सुखी व दीर्घायु होने के लिए करती रही हैं. शहर के चौक-चौराहों पर सजीं दुकानों पर महिलाओं को जिउतिया खरीदते हुए देखा गया. इस दौरान माताएं व्रत रख कर जलाशय व नदियों में जाकर स्नानादि कर कुशा के जीमूतवाहन के प्रतीक पर जल अपर्ण कर पूजा-अर्चना करती हैं.
इसके बाद शाम को माताएं कथा सुनती हैं. गुरुवार की सुबह में माताएं निर्जला उपवास खत्म करेंगी. हिंदू पंचांग के अनुसार यह व्रत आश्विन माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है. जिउतिया पर्व को लेकर बाजार में मंगलवार को गहमागहमी रही. खास कर महिलाओं की भीड़ अधिक देखी गयी. जिउतिया में फलों का प्रसाद चढ़ाने की परंपरा रही है. इसको लेकर मंगलवार को फलों का बाजार गर्म रहा. फलों में खास कर केला व खीरा की बिक्री सबसे अधिक हुई.
सेब, मौसमी, अमरूद, नाशपाती जैसे फलों की भी बिक्री हुई. बाजार में 20 रुपये दर्जन मिलने वाला केला 30 रुपये दर्जन मिल रहा था. 25 रुपये किलो मिलने वाला खीरा 40-50 रुपये किलो तक बिका. सत्पुतिया पांच से 10 रुपये पीस बिका. नाशपाती 60 रुपये से बढ़ कर 80 रुपये किलो हो गया. सेब 80 रुपये से बढ़ कर 100-120 रुपये किलो तक पहुंच गया था. इसके अलावा व्रती महिलाओं ने जिउतिया से जुड़े अन्य सामान और खाजा व नोनी साग की भी खरीदारी की.
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