जहानाबाद सदर
. केंद्रीय संयुक्त ट्रेड यूनियन जिला संयोजक व बिहार राज्य निर्माण कामगार यूनियन सीटू जिला संयोजक सुरेंद्र मिस्त्री के नेतृत्व में 18 सूत्री मांगों को लेकर आक्रोश प्रदर्शन किया गया. आक्रोश प्रदर्शन अरवल मोड़ से हॉस्पिटल मोड़, आंबेडकर चौक होते हुए श्रम अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर सभा में तब्दील हो गया. केंद्रीय संयुक्त ट्रेड यूनियन जिला संयोजक सुरेंद्र मिस्त्री ने कहा कि देश में लगातार 20 वर्षों तक निर्माण मजदूरों के द्वारा संघर्ष चला और संघर्षों के दौरान 1996 में बिहार भवन एवं सनिन्माण कर्मकार नमक अधिनियम बनी, जिसके तहत 2005 में निर्माण मजदूर के कल्याणार्थ बोर्ड बनी. 2008 से देश के कुछ राज्यों में लाभ मिलना शुरू हुआ, लेकिन सरकार की उदासीनता के कारण सभी राज्यों में नियमित लाभ नहीं मिल रहा है. श्रम कार्यालय में खास कर दलाल -बिचौलियों के माध्यम से गैर मज़दूरों का निबंधन धड़ल्ले से जारी है. देश में महंगाई, बेरोजगारी, दमन, हत्या, लूट चरम पर है, इसे मजदूर वर्ग ही आंदोलन के द्वारा व्यवस्था परिवर्तन कर सकते हैं.
ट्रेड यूनियनों ने चार लेबर कोड रद्द करने, अकुशल मजदूरों के दैनिक मजदूरी 700 रुपये तथा कुशल मजदूरों को 1000 रुपये करने, सभी निबंधित मजदूरों को अनुदान की राशि 50 हजार रुपये करने, निबंधित मजदूरों को पोशाक की राशि 6 हजार रुपये करने, विवाह सहायता राशि एक लाख रुपए करने , निर्माण मजदूर को शहर में ठहरने के लिए शेड, शौचालय एवं चापाकल की व्यवस्था करने, सहारा इंडिया के ग्राहकों को जमा राशि शीघ्र भुगतान करने, श्रम कार्यालय में प्रति माह सभी पदाधिकारी एवं ट्रेड यूनियन के पदाधिकारियों के साथ बैठक आयोजित करने, वृद्धावस्था पेंशन 12 हजार रुपये करने सहित अन्य मांगें की. प्रदर्शन में नाथुन जमीदार, बलराम विश्वकर्मा, सुरेंद्र मिस्त्री, जगदीश प्रसाद, भुनेश्वर यादव, राजेश कुमार शर्मा, अनिल कुमार, पप्पू केवट, कमलेश कुमार चंचल, आनंद कुमार, बैजनाथ साव, निरंजन कुमार, विनोद कुमार, जगमोहन मिस्त्री आदि थे.
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