कुर्था.
स्थानीय प्रखंड क्षेत्र के किसान भवन में सोमवार को कृषि विभाग की ओर से किसानों के लिए जैविक खाद निर्माण एवं उपयोग के उपाय पर एक दिवसीय विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम का उद्देश्य रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम करते हुए किसानों को स्वनिर्मित जैविक खाद के माध्यम से कम लागत में अधिक और गुणवत्तापूर्ण खेती के लिए प्रेरित करना था. इस प्रशिक्षण में प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न पंचायतों और दूर-दराज के गांवों से आये बड़ी संख्या में किसानों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया. विशेषज्ञ प्रशिक्षकों ने एक्टिवा तकनीक, जीवामृत व घनजीवामृत निर्माण, गोबर से खाद तैयार करने की विधि और वर्मी कम्पोस्ट जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत एवं व्यावहारिक जानकारी दी. किसानों को बताया गया कि रासायनिक खादों के अत्यधिक उपयोग से मिट्टी की उर्वरता लगातार घट रही है और लागत बढ़ रही है. ऐसे में जैविक खाद ही खेती को लाभकारी और टिकाऊ बनाने का सर्वोत्तम विकल्प है. प्रशिक्षण के दौरान जैविक खाद निर्माण की विधि का लाइव प्रदर्शन भी किया गया, जिसे किसानों ने बड़े ध्यान से सीखा. कई किसानों ने कहा कि जैविक खाद तैयार करना न तो कठिन है और न ही महंगा. इससे फसल, भूमि और मानव स्वास्थ्य तीनों को लाभ मिलता है. उन्होंने इसे अपने खेतों में अपनाने और अन्य किसानों को भी जागरूक करने का संकल्प लिया. कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि आने वाले दिनों में और पंचायतों में भी ऐसे प्रशिक्षण आयोजित किए जायेंगे, ताकि कुर्था प्रखंड को जैविक खेती के मॉडल क्षेत्र के रूप में विकसित किया जा सके.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

