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Jehanabad News : एनएच का बाइपास बना ‘डेथ कॉरिडोर’

पटना-गया राष्ट्रीय राजमार्ग 22 का शहरी बाइपास लगातार डेंजर जोन बना हुआ है. बाइपास शुरू होने के बाद से अब तक दर्जनों दुर्घटनाएं हो चुकी हैं और कई लोगों की जान जा चुकी है.

जहानाबाद. पटना-गया राष्ट्रीय राजमार्ग 22 का शहरी बाइपास लगातार डेंजर जोन बना हुआ है. बाइपास शुरू होने के बाद से अब तक दर्जनों दुर्घटनाएं हो चुकी हैं और कई लोगों की जान जा चुकी है. चिकनी सड़क पर रफ्तार का अनियंत्रित बढ़ाव दुर्घटनाओं की मुख्य वजह बन रहा है. जिला परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस की कोशिशों के बावजूद तेज रफ्तार पर रोक नहीं लग पा रही है. मंगलवार को मुठेर के पास दो बड़ी दुर्घटनाओं में दो लोगों की मौत हो गयी जबकि पांच लोग पीएमसीएच में गंभीर हालत में भर्ती हैं. गया से बारात में शामिल होकर लौट रही एक तेज रफ्तार कार गड्ढे में गिर गयी जिसमें एक शिक्षक की मौत हो गयी और चार लोग घायल हो गये. दूसरी घटना में लोदीपुर के पास एक बाइक सवार ने सड़क पार कर रहे बुजुर्ग को टक्कर मार दी जिससे उनकी मौत हो गयी और बाइक सवार घायल हो गया. बुधवार को भी मुठेर के पास दो बाइकों की टक्कर में एक व्यक्ति गंभीर रूप से जख्मी हुआ. शहर के भीतर भी तेज रफ्तार का खतरा कम नहीं हुआ है. चार नवंबर को ऊंटा सब्जी मंडी के पास तेज रफ्तार कार ने एक दर्जन ठेले क्षतिग्रस्त कर दिये थे. गनीमत रही कि बड़ा हादसा टल गया.

सड़कों के हिसाब से तय की जाती है गति की सीमा

परिवहन विभाग और एनएचआइ सड़क की संरचना, क्षेत्र की स्थिति और आबादी के घनत्व को देखते हुए वाहनों की गति सीमा तय करते हैं. शहरी क्षेत्रों में आमतौर पर यह सीमा 20 किलोमीटर प्रति घंटे तक निर्धारित होती है और इसके लिए प्रवेश स्थल पर गति सीमा के बोर्ड भी लगाये जाते हैं. इसके बावजूद चालक इन नियमों की अनदेखी करते हैं. नतीजतन तेज रफ्तार न सिर्फ वाहन चालकों को बल्कि आम लोगों को भी दुर्घटनाओं का शिकार बना रही है. जिले में प्रतिदिन सड़क हादसे हो रहे हैं जिनमें कई बार लोगों की जान तक चली जाती है.

दुर्घटनाओं पर रोक को लेकर संयुक्त रणनीति बनेगी

पदाधिकारियों का कहना है कि जिले में नियमित रूप से वाहन चेकिंग अभियान चलाया जाता है. अभियान के दौरान हाइ स्पीड में चलने वाले वाहन चालकों को पकड़ा जाता है और उनसे जुर्माना वसूला जाता है. ड्राइविंग लाइसेंस की जांच भी की जाती है. ट्रैफिक नियमों के प्रति लोगों को जागरूक करने और दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए सदर एसडीओ, डीटीओ, टाउन इंस्पेक्टर और ट्रैफिक पुलिस मिलकर नयी रणनीति तैयार करेंगे.

संतोष कुमार, ट्रैफिक डीएसपी

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