अरवल. राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन योजना अंतर्गत जिला समाहरणालय सभागार में जिला पदाधिकारी अरवल की अध्यक्षता में बैठक संपन्न हुई. अरवल जिले में इस वर्ष 250 हेक्टेयर में रसायन मुक्त और प्राचीनतम विधि से प्राकृतिक खेती की जायेगी. इसके लिए प्रत्येक प्रखण्ड में एक-एक क्लस्टर का निर्माण किया गया है. प्रत्येक क्लस्टर में 50 हेक्टेयर भूमि पर 125 किसान प्राकृतिक विधि से खेती करेंगे. इस योजना का संचालन जीविका के माध्यम से चयनित कृषि सखी करेंगी. प्रत्येक क्लस्टर पर दो-दो कृषि सखी किसानों को प्राकृतिक खेती के विशेषताओं के संबंध में जानकारी देंगी. साथ ही जैव इनपुट संसाधनों की उपलब्धता सुनिरिचित करेंगी. कृषि सखी द्वारा बताया जायेगा कि रसायन युक्त खेती से लोगों के स्वास्थ्य पर कुप्रभाव पड़ता है. ऐसे में खेती में रसायनिक खाद का प्रयोग बंद कर किसान देशी गाय के गोबर एवं मुत्र का प्रयोग करें या सड़ी हुई गोबर का कम्पोस्ट तैयार कर खेतों में उपयोग करें। इससे खेतों की उर्वरा शक्ति मजबुत रहेगी. गोबर के खाद से भूमि का शोधन स्वतः होते रहेगा. बैठक में जिला पदाधिकारी को अरवल जिले में सभी प्रखंडों में चयनित क्लस्टरों के संबंध में जानकारी दी गयी.
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