अरवल. जिले के 10 गांवों में प्रथम फेज में 4474 किसानों को यूनिक आइडी कृषि विभाग के द्वारा बनाया जायेगा, जिसके माध्यम से ही अब जिले के किसानों को कृृषि योजनाओं का लाभ मिलेगा. बिना यूनिक आइडी कार्ड के किसानों को कृषि योजनाओं का लाभ नहीं मिल सकेगा. यूनिक आइडी कार्ड जिले में बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गयी हैं. जिले में किसानों के लिए फार्मर रजिस्ट्री प्रक्रिया की शुरुआत हो गयी है. जिले के 10 राजस्व ग्रामों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत फार्मर रजिस्ट्री कैंप लगाये जा रहे हैं. जिसमें 4474 किसानों को बनेगा विशिष्ट पहचान पत्र बनेंगे. इस अभियान का उद्देश्य किसानों की डिजिटल पहचान को सुदृढ़ बनाना और उन तक सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ पहुंचाना है. अनुमंडल कृषि पदाधिकारी मनीष कुमार ने बताया कि कैंप में किसानों की इ-केवाइसी और फेस रिकॉग्निशन तकनीक के जरिए पहचान सत्यापित की जा रही है. इसके लिए कृषि विभाग के किसान कोऑर्डिनेटर और चयनित पंचायत के राजस्व कर्मचारी का आइडी बनाया गया है. कोऑर्डिनेटर का काम ई केवाइसी करना और राजस्व कर्मचारी का काम किसानों के जमीन का बकेटिंग करना है. किसानों को दोनों चरणों में उपस्थित रहना होगा क्योंकि पूरी प्रक्रिया फेस रिकॉग्निशन तकनीक से की जाती है. किसान सलाहकारों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने क्षेत्र के पात्र किसानों को कैंप तक लेकर आएं. इस कार्य की मॉनिटरिंग जिला स्तर से की जा रही है. इन प्रखंडों में बन रहा पहचानपत्र : जिले में 4474 किसानों को 11 अंक वाला विशिष्ट पहचान पत्र बनाया जायेगा जिसमें खभैनी 276, सकरी 264, कलेर 347,कामता 351, कोचहसा 877, आईयारा 741, धमौल 389, बारा 261, माली 686, खटांगी 288 किसानों को विशिष्ट पहचान पत्र बनाया जायेगा.
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