जहानाबाद नगर.
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार नई दिल्ली के निर्देशानुसार अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस कार्यक्रम के अवसर पर नालसा द्वारा वेबीनार कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें प्राधिकार से संबंधित सभी लोग साझा होकर आयोजित कार्यक्रम का जानकारी प्राप्त की. कार्यक्रम के बाद प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ब्रजेश कुमार के निर्देशानुसार जहानाबाद एवं अरवल जिले के प्रखंड अंतर्गत संचालित विधिक सेवा केंद्रों में पारा विधिक स्वयंसेवक के माध्यम से दिव्यांगता अधिनियम यह बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए बतलाया गया कि दिव्यांगता अधिनियम किसी कार्य के आनंद के बारे में नहीं, बल्कि यह दिव्यांग व्यक्तियों के लिए बिना किसी भेदभाव के सभी मानवाधिकार कार्यों का सामान आनंद सुनिश्चित करने के बारे में है. भारत का संविधान अपने नागरिकों को सम्मान पूर्वक जीवन जीने और गरिमा एवं निष्ठा के साथ जीने समान अधिकार प्रदान करता है. भारत में दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम वर्ष 2016 में दिव्यांगजनों के हित में कानूनी अधिकारों को समेकित और विस्तारित करता है जिसमें सुगम्यता भेदभाव रहित शिक्षा रोजगार और शिकायत निवारण शामिल है और सार्वजनिक सेवाओं तक प्रभावी भागीदारी पहुंच सुनिश्चित करने का कदम उठाने का आदेश देता है. वेबीनार इस बात पर प्रकाश डालेगा कि कैसे कानूनी सहायता रणनीतिक मुकदमे बड़ी नीतिगत हस्तक्षेप और सामुदायिक प्रथाएं मिलकर इस अधिनियम के अनुरूप समावेशन को मजबूत कर सकती हैं. विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 की धारा 12 स्पष्ट रूप से दिव्यांग व्यक्तियों को निशुल्क कानूनी सेवा को हकदार मानता है और प्राधिकार सुलभ विकलांगता समावेशी कानून सहायता प्रदान करना सुनिश्चित करेंगे.
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