जहानाबाद.
जिले के किसानों के लिए खरीफ फसल धान के रोपनी से लेकर अभी तक किसान परेशानी से जूझ रहे हैं बरसात के शुरुआती सीजन में फल्गु, मोरहर, दरधा बलदैया में आयी बाढ़ मे तटबंध टूट जाने से किसानों की हजारों एकड़ में लगी धान की फसल पानी में बर्बाद हो गयी.
जिले के कई गांव के बधार अभी भी पानी में डूबे हुए हैं. ऐसा ही हाल सदर प्रखंड के अमैन का है जहां किसान त्राहिमाम कर रहे हैं पइन के टूटे तटबंध किसानों के लिए मुसीबत बनी है टूटे तटबंध के वजह से खेतों से होकर पानी का बहाव हो रहा है जिससे अमैन के पश्चिम एवं उत्तर दिशा में सैकड़ो एकड़ में लगी धान के फसल बर्बाद हो चुके हैं सबसे बड़ी परेशानी का आलम यह है कि अगर टूटे तटबंध की मरम्मत नहीं करायी गयी, तो खरीफ फसल पर भीग्रहण लगने की प्रबल संभावना है. किसान रणधीर कुमार बताते हैं कि जिला प्रशासन फसल क्षति का आंकड़ा से अनजान है। आश्चर्यजनक बात तो यह है कि कृषि विभाग से लेकर जिले के आला अधिकारी बाढ़ आपदा का अलग मानदंड बता फसल क्षति की रिपोर्ट को शून्य बताया. कई गांव के बधार अभी भी पानी में डूबे हुए हैं.
खेत में पानी भरे रहने सेलाखों के फसल क्षती का नुकसान हुआ है जिले के कई विधायक एवं नेताओं ने किसानों के क्षति को लेकर मुद्दा उठाया था. सदर प्रखंड के अमैन, शाहपुर देवचंद विगहा, केंदुआ गोंनवां, चैनपुरा, बसंतपुर के अलावा रतनी प्रखंड के कई गांव के खेत खलिहान अभी भी पानी में डूबे हुए हैं़ बाढ़ के पानी में किसानों की मेहनत पूंजी डूब गयी है. टूटे तटबंधों के मरम्मति एवं खेतों में जमा पानी निकास की व्यवस्था नहीं हुई. परेशान किसानों की शासन प्रशासन को सुध लेनी चाहिए.
क्या है समाधान : इधर सदर प्रखंड के अमैन, शाहपुर व चंधारिया गांव के किसानों ने बताया कि ऊपर से मुरहर नदी के पइन से काफी मात्रा में जल प्रवाह हो रहा. तटबंध भी टूटा हुआ है. वही पानी के निकास मार्ग अवरुद्ध है. नतीजा महीना भर से खेत खलिहान डूबे हुए हैं. जलजमाव से मुक्ति के लिए तटबंध की मरम्मती एवं पानी के निकास मार्ग साफ करने की जरूरत
मोरहर और बलदैया नदी में आई बाढ़ के पानी में नदी नालों का कई जगहों पर तटबंध टूट गया था. जिससे सदर प्रखंड एवं रतनी प्रखंड के कई गांव का खेत खलिहान अभी भी पानी में डूबे हुए हैं. किसानों को लाखों की क्षति हुई है. अमैन के पास टूटे तटबंध से अभी भी पानी निकल रहा है. अमैन, शाहपुर, चंदरिया आदि गांव में पानी का निकास मार्ग जाम है. महीना भर से पानी लगे रहने से किसानों को लाखों की पूंजी और मेहनत भी डूब गयी है. अगली फसल के भी चिंता सता रही है.
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