Bihar News: बिहार के जहानाबाद के ऐतिहासिक दक्षिणी सूर्य मंदिर में प्रेम की एक नई कहानी लिखी गई. उत्तराखंड में तैनात CISF जवान यशवंत सिंह और गया की प्रीति कुमारी ने समाज की बंदिशों को दरकिनार करते हुए शादी रचा ली. इस अनोखी शादी के साक्षी बने उनके दोस्त और ग्रामीण, जिन्होंने प्रेम और साहस का यह अद्भुत संगम देखा.
जब परिवार ने किया इनकार, प्रेम ने पाया रास्ता
यशवंत और प्रीति की कहानी आठ महीने पहले शुरू हुई थी, जब यशवंत अपने पिता से मिलने गया आए थे. पहली ही मुलाकात में दोनों एक-दूसरे को पसंद करने लगे. लेकिन जब शादी की बात आई, तो प्रीति के परिवार ने विरोध कर दिया. हैरानी की बात यह थी कि दोनों एक ही जाति के थे, फिर भी घरवालों ने इस रिश्ते को नामंजूर कर दिया.
परिवार ने प्रीति की शादी कहीं और तय करने की कोशिश की, लेकिन प्रेम के आगे बंदिशें कहां टिक पाती हैं? प्रीति ने साफ इनकार कर दिया और यशवंत के साथ जीवन बिताने का फैसला किया.
मंदिर में रचाई शादी, बोले- प्यार में डरना कैसा?
यशवंत छुट्टी लेकर अपने दोस्तों के साथ जहानाबाद पहुंचे, जहां दक्षिणी सूर्य मंदिर में सात फेरे लेकर दोनों ने अपने प्यार को अमर कर दिया. शादी के बाद दोनों बेहद खुश नजर आए. यशवंत ने कहा, “हमने एक-दूसरे के साथ जीवन बिताने का फैसला किया था. परिवार की मंजूरी नहीं मिली, लेकिन प्यार में डरने की जरूरत नहीं.”
समाज के लिए संदेश
यह शादी सिर्फ दो दिलों का मिलन नहीं, बल्कि समाज के बंधनों को तोड़ने की मिसाल भी है. यशवंत और प्रीति ने साबित कर दिया कि जब प्यार सच्चा हो, तो कोई दीवार उसे रोक नहीं सकती.
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