हुआ बदलाव. यादगार रहा गुजरा साल 2016, विकास कार्यो से शहर की बदली सूरत
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रोशनी से जगमग हुईं सड़कें व गलियां
हुआ बदलाव. यादगार रहा गुजरा साल 2016, विकास कार्यो से शहर की बदली सूरत करोड़ो रुपये की लागत से गली -मुहल्लों में कराये गये विकास कार्य डोर-टू-डोर सफाई अभियान की हुई शुरुआत जहानाबाद् : कुछ खट्टे- कुछ मीठे अनुभवों को छोड़कर वर्ष 2016 गुजर गया. गुजरे वर्ष में जिले के लोगों ने कई बदलाव देखे […]
करोड़ो रुपये की लागत से गली -मुहल्लों में कराये गये विकास कार्य
डोर-टू-डोर सफाई अभियान की हुई शुरुआत
जहानाबाद् : कुछ खट्टे- कुछ मीठे अनुभवों को छोड़कर वर्ष 2016 गुजर गया. गुजरे वर्ष में जिले के लोगों ने कई बदलाव देखे जिसमें शहरी क्षेत्र के निवासियों के लिए जो कार्य हुए वह उनके लिए यादगार रहेगा. बजबजाती गंदगी, कचरे का ढेर, कच्ची गलियों के कारण आवागमन की जटिल समस्या, मुहल्लों की गलियों एवं प्रमुख सड़कों पर अंधेरा कायम रहना ये सारी समस्याएं यहां वर्षों से व्याप्त थी. जिसका काफी हद तक वर्ष 2016 में समाधान हुआ.
लोगों ने राहत पायी. उक्त सभी मामलों में विकास के जरिये जो बदलाव किया गया वह लोगों को दिख रहा है. सरकार की सकारात्मक सोच और दी गयी धनराशि से विकास को धरातल पर उतारा गया. सफाई का मामला हो या अंधेरा कायम रहने वाले इलाके में रौशनी का प्रबंध करना या फिर स्लम वस्तियों को सुधार कर उनकी दशा बदलना इन सभी मामलों में जहानाबाद नगर परिषद के द्वारा कराये गये कार्य का ही परिणाम है कि आज शहर की सूरत काफी बदली हुई है.
अब लोग सड़क और गलियों में आवागमन करने में भय महसूस नही करते. कच्ची गलियों के बजाय पक्की गलियों पर आवागमन करने की सूविधा मुहैया कराना गुजरे वर्ष की बड़ी उपलब्धी में शामिल है. इन कार्यो में यहां के वार्ड पार्षदों ने अपनी सूझबूझ का परिचय दिया है. जनोपयोगी योजनाओं की सूची उनके द्वारा प्रस्तुत की गयी जिसका प्राथमिकता के आधार पर क्रियान्वयन कराने में नगर परिषद प्रशासन ने अपनी भूमिका निभायी. शहर में विकास कार्य कराने के लिए विभिन्न संगठनों ने छोटे-बड़े आंदोलन भी किये जिसका असर पड़ा और वार्डो में विकास की गति तेज हुइ्र. नगर परिषद के मुख्य पार्षद देवकली देवी, उपमुख्य पार्षद अरूण कुमार और नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी संजीव कुमार की तिकड़ी ने शहर के वार्डो को व्यवस्थित करने में अपनी अपनी सक्रिय भागीदारी निभायी.
दो करोड़ की लागत से लगी लाइटें : वर्षो से जहानाबाद शहरी क्षेत्र का लगभग सभी इलाका घुप्प अंधेरे में रहता था. शाम होते हीं लोग शहर की गली-मुहल्लों और प्रमुख सड़कों पर खुले मन से विचलन करने में भय महसूस करते थे. अंधेरे के कारण उनमें असामाजिक तत्वों का डर बना रहा था. इस अप्रिय स्थिति से लोगों को निजात मिली. वर्ष 2016 में शहर से गुजरने वाले एनएच 83 के दोनो किनारे आज एलईडी लाइटें जलती हैं. गलियों में वैपर और सीएफएल की दूधिया और सोडियम लाइटें शहर को जगमगा रही है जो वर्ष 2016 की बड़ी उपलब्धी मानी जा रही है.
करोड़ो की लागत से गली-नाली का हुआ पक्कीकरण : शहर की गलियों की स्थिति ऐसी थी कि लोग नारकिय हालत में आवागमन करते थे. नालियां और गलियां कच्ची थी लेकिन वर्ष 2016 में बीआरजीएफ, 13वीं और 14वीं वित्त आयोग एवं नगर परिषद के आंतरिक संसाधन से विकास की गति तेज कर उसकी काया पलटी गयी. करीब सात करोड़ की लागत से सभी 33 वार्डो में विकास योजनाओं की स्वीकृति दी गयी जिसमें कुछ योजनाओं को छोड़ अन्य कई योजनायें पूरी हो चूकी है. इसमें नाली निर्माण, उसपर ढक्कन एवं गली का पक्कीकरण शामिल है.
गंदे पानी की निकास की हुई व्यवस्था : इस शहर में एक बड़ी समस्या रही है गंदे पानी का जमाव रहना. इस स्थिति से निपटने के लिए चार बड़ी योजनाओं की स्वीकृति दी गयी. काको मोड़ से दरधा नदी तक नाला, प्राचीन देवी मंदिर से अलगना पइन तक एवं मलहचक मोड़ से एरोड्राम दरधा नदी पुल तक नाला निर्माण कराने के लिए योजना की स्वीकृति वर्ष 2016 में दी गयी. इसके लिए राशि उपलब्ध है. विकास कार्य का प्रकियाधीन है. इसके अलावा मवेशी अस्पताल से दरधा नदी तक 39 लाख की लागत से नाला निर्माण का कार्य शुरू कर दिया गया है. वर्षो से उपेक्षित दौलतपुर सामुदायिक भवन से मठीया तक 79 लाख की लागत से संपर्क पथ निर्माण की स्वीकृति बड़ी उपलब्धी में शामिल है. मुख्यमंत्री गली नाली योजना के तहत एक करोड़ साठ लाख की लागत से नयी योजनाएं की स्वीकृति भी दी गयी है.
डोर-टू-डोर सफाई अभियान : वर्ष 2016 में सफाई के मद्दे नजर एक नयी शुरूआत यहां की गयी जिसका सार्थक असर दिख रहा है. आमतौर पर गलियों में कूड़े -कचरे का ढेर रहता था , सड़ाध फैलती थी. इससे लोगों को पूरी तरह निजात मिली है. नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी ने नगर पार्षदों की सहमति से एक नयी योजना तैयार की. सफाई के मामले में शहर को पांच जोन में विभक्त किया और प्रतिदिन डोर-टू-डोर कूड़े का उठाव करने की व्यवस्था संचालित करायी. परिणाम यह निकला की लोगों को काफी हद तक मुहल्लों में फैली रहने वाली गंदगी से निजात मिली है.
नये वर्ष में शहर की होगी नयी तस्वीर : शहर के विकास के संबंध में कार्यपालक पदाधिकारी संजीव कुमार और उपमुख्य पार्षद अरूण कुमार संयुक्त रूप से बतातें हैं कि गुजरे वर्ष 2016 में विकास की गति तेज करने में पार्षदों के सहयोग से सफलता मिली है. नये वर्ष में शहर की तस्वीर और बदली जायेगी. सरकार के द्वारा प्रदत निधि के अलावा आंतरिक संसाधनों से जनता के हितो का ख्याल रखते हुए विकास के कार्य तेज किये जायेंगे. विकास की जो योजनाएं वर्ष 2016 में स्वीकृत है उसमें कई पूर्ण हो चुके हैं शेष कुछ बची हुई योजनाओं को नये साल के जनवरी माह तक पूरा करने का नगर परिषद का लक्ष्य है
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