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मुसीबत. शहर में ऑटो चालकों की मनमानी से रोज बढ़ रही परेशानी

शहर में जाम की समस्या से लोगों को राहत दिलाने के लिए प्रशासन सजग तो है. लेकिन एक गंभीर समस्या के प्रति प्रशासनिक स्तर से कार्रवाई नहीं होने से स्थिति जस की तस है, समस्या है. नगर सेवा टेंपो चालकों की मनमानी, इनके रवैये से एनएच पर लगने वाले जाम से लोगों को राहत नहीं […]

शहर में जाम की समस्या से लोगों को राहत दिलाने के लिए प्रशासन सजग तो है. लेकिन एक गंभीर समस्या के प्रति प्रशासनिक स्तर से कार्रवाई नहीं होने से स्थिति जस की तस है, समस्या है. नगर सेवा टेंपो चालकों की मनमानी, इनके रवैये से एनएच पर लगने वाले जाम से लोगों को राहत नहीं मिल रही है. ऑटो चालकों के मनमानी के विरुद्ध एक अभियान चलाने की लोग जरूरत महसूस कर रहे हैं.

जहानाबाद : इस शहर से गुजरने वाले एनएच 83 और एनएच 110 पर लगने वाले जाम के वैसे तो कई कारण हैं लेकिन एक प्रमुख कारण है टेंपो चालकों की मनमानी और उनका अड़ियल रवैया. यहां प्रतिदिन तकरीबन 800 टेंपो का परिचालन होता है. जिसमें 400 टेंपो ऐसे हैं जो नगर सेवा के रूप में काको मोड़ बस स्टैंड से लेकर कलेक्ट्रेट और व्यवहार न्यायालय तक रोज परिचालित हो रहे हैं. इसके अलावा टेंपो का परिचालन जिला मुख्यालय से काको, बंधुगंज, काजीसराय, घोसी, हुलासगंज, टेहटा, मखदुमपुर, शकुराबाद, किंजर, नदौल, सिकरिया आदि क्षेत्रों के लिए होता है. टेंपो चालकों की मनमानी पूरे शहर में है.
सबसे विकट स्थिति काको मोड़, स्टेशन के समीप और अरवल मोड़ के पास रहती है. चालक शहर से होकर गुजरने वाले एनएच 83 और 110 पर जहां तहां अपनी गाड़ी खड़ी करते हैं. यात्रियों को बैठाते और उतारते हैं. एनएच के कारण शहर से पटना-गया, बिहारशरीफ, एकंगरसराय, कुर्था, अरवल,की ओर जाने को लेकर छोटे-बड़े वाहनों का भारी दबाव रहता है.
लेकिन बीच सड़क पर टेंपो खड़ा रखने के कारण पलभर में सड़क पर जाम लग जाता है, जिसका खामियाजा भुगतते हैं आम लोग. चालकों की इस मनमानी का जब कोई विरोध करते हैं या उन्हें सड़क से हटकर गाड़ी खड़ी करने की सलाह देते हैं तो ऑटो चालक उनसे झगड़ा करने पर उतारू हो जाते हैं. कई बार झगड़े हो भी चुके हैं. यह स्थिति आज कोई नई नहीं है. बल्कि लंबे समय से चालकों के अड़ियल रवैये से आम आदमी परेशान हैं.
मना करने पर झगड़े को उतारू हो जाता है चालक
जहानाबाद रेलवे स्टेशन पर कुछ इस तरह से लगे रहते हैं ऑटो.
स्टेशन व अरवल मोड़ पर स्थिति सबसे खराब
शहर के ये दो प्रमुख स्थान ऐसे हैं जहां सुबह से लेकर रात तक प्रतिदिन हजारों लोगों का आवागमन होता है. स्टेशन के दोनों गेट के अलावा बस स्टैंड के बाहर टेंपो चालक अपने वाहनों को इस कदर सड़क पर खड़ा किये रहते हैं. मानों सड़क उनकी अपनी जागीर है. सड़क को स्टैंड बनाकर रखना चालकों की आदत बनी है.
ऐसी हालत में ट्रेन से उतरने वाले यात्रियों को रेलवे परिसर से बाहर निकलने में कड़ी मशक्कत झेलनी पड़ती है. महिलाओं और वृद्ध व्यक्तियों को सबसे ज्यादा कठिनाई होती है. युवकों से चालकों का तू-तू-मैं-मैं होना आम बात हो गया है. सवारियों को बैठाने के चक्कर में चालक अपने-अपने वाहनों से स्टेशन के दोनों द्वार को जाम कर देते हैं. कमोबेश यही स्थिति अरवल मोड़ की है. यहां से बभना, शकुराबाद, नेहालपुर, किंजर
, करपी, कुर्था, शहर तेलपा और अरवल जिला मुख्यालय के अलावा घोसी, हुलासगंज, टेहटा, मखदुमपुर एवं गया तक जाने के लिए लोगों की भीड़ लगी रहती है. इसके अलावा शहर के लोगों का भी पैदल आना जाना होता है. ऐसी स्थिति में टेंपो को अरवल मोड़ गोलंबर के समीप खड़ा किये जाने से लोगों के बीच अफरा-तफरी का माहौल रहता है. सड़क क्रॉस करने में भी लोगों को परेशानी होती है. हालांकि वहां मौजूद ट्रैफिक पुलिस जब सड़क पर डंडे पटकती है तब धीरे-धीरे चालक अपने वाहनों को आगे बढ़ाता है. कड़ी कार्रवाई नहीं होने से चालकों के इस रवैये में सुधार नहीं हो रहा है.
सड़क पर बैठाते हैं सवारी
पूर्व के दिनों में प्रशासन के द्वारा बस स्टैंड से लेकर कोर्ट एरिया व समारहणालय तक नो-पार्किंग जोन का निर्धारण कर वहां बोर्ड लगाये गये हैं. लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा है. जहां नो-पार्किंग जोन के बोर्ड टंगे हैं उसी स्थान पर ऑटो खड़ा करने की प्रवृत्ति चालकों में बन गयी है. इतना ही नहीं स्टेशन और समाहरणालय के बीच कहीं भी बीच सड़क पर टेंपो खड़ा कर सवारी बिठाने की चालकों को खुली छूट मिली है.
यातायात पुलिस इस मामले में संवेदनशील नहीं है. परिणाम यह हो रहा है कि अक्सर छोटी-छोटी गाडियां एक दूसरे से टकरा जाती है. सवारी बिठाने के चक्कर में चालक अचानक टेंपो को एनएच पर रोक देता है. ऐसी हालत में पीछे से आ रहे वाहन टकरा जाते हैं. और शुरू हो जाती है लड़ाई झगड़े. खासकर बाइक सवारों और टेंपो चालकों के बीच रोज झगड़े हो रहे हैं.
चलाया जायेगा अभियान
शहर में सुगम यातायात की व्यवस्था को लेकर प्रशासन पूरी तरह सजग है. फिलहाल जाम से लोगों को राहत दिलाने के लिए दो पहिया और तीन पहिया वाहनों के परिचालन की शहर में नई व्यवस्था की गयी है. जिसका सार्थक असर पड़ा है. अब शीघ्र ही यातायात नियमों का उल्लंघन कर ऑटो का परिचालन करने वाले चालकों के विरुद्ध सघन अभियान चलाया जायेगा.
डाॅ नवल किशोर चौधरी, एसडीओ जहानाबाद

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