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आज दिखा चांद, तो कल से रखे जायेंगे रोजे
जहानाबाद : इसलामिक कैलेंडर की 29वीं तारीख (छह जून) को चांद का दीदार हुआ, तो मंगलवार से रोजे रखे जायेंगे. रमजान को लेकर शहर की दुकनें सज-धज कर तैयार हैं. इफ्तार से लेकर सहरी तक के सामान बिकने लगे हैं. नयी मसजिद के इमाम शमीम बरकाती के अनुसार, रमजान के दौरान पांचों पहर पाबंदी के […]
जहानाबाद : इसलामिक कैलेंडर की 29वीं तारीख (छह जून) को चांद का दीदार हुआ, तो मंगलवार से रोजे रखे जायेंगे. रमजान को लेकर शहर की दुकनें सज-धज कर तैयार हैं. इफ्तार से लेकर सहरी तक के सामान बिकने लगे हैं. नयी मसजिद के इमाम शमीम बरकाती के अनुसार, रमजान के दौरान पांचों पहर पाबंदी के साथ नमाज अदा की जाती है. इस दौरान ज्यादा-से-ज्यादा कुरान की तिलावत की जाती है. शाम में इफ्तार के बाद तरावीह का एहतमाम किया जाता है. तरावीह 10 से 27 दिनों तक अदा की जाती है. इस दौरान कुरान की आयतों का उच्चारण किया जाता है. फर्ज नमाज के साथ-साथ लोग कसरत से नफिल व सुन्नत नमाज अदा करते हैं.
इस माह में एक फर्ज का सवाब 70 के बराबर
हर मुसलमान पर रमजान का रोजा फर्ज है. रमजानुल मुबारक का पहला आसरा रहमत, दूसरा आसरा मगफिरत, तीसरा आसरा दोजख की आग से निजात की है. रमजान में नफिल का सवाब फर्ज के बराबर और एक फर्ज का सवाब 70 फर्ज के बराबर होता है. दरिया की मछलियां भी रोजेदारों के लिए दुआ करती हैं. इस पाक महीने की आखिरी रात रोजेदारों के लिए मगफिरत की जाती है.
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