जहानाबाद नगर. जहानाबाद न्याय मंडल में वर्ष की अंतिम राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 808 मामलों का सुलह के आधार पर निबटारा किया गया. इस संबंध में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव सह सब जज रंजीत कुमार ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि निबटारे के दौरान कुल 2 करोड़ 52 लाख 95 हजार 87 रुपये समझौता राशि तय की गयी है. राष्ट्रीय लोक अदालत में विभिन्न श्रेणियों के मामलों को निबटारे के लिए चिन्हित किया गया था. बैंक लोन से संबंधित 1700 मामलों में से 539 मामलों का निपटारा किया गया, जिसमें दो करोड़ 52 लाख 13 हजार 930 रुपये की समझौता राशि तय हुई. बीएसएनएल से संबंधित 175 मामलों में से 12 मामले निबटारे गए और 66,157 रुपये समझौता राशि तय की गयी. वहीं सुलहनीय आपराधिक मामलों में 1994 मामलों में से 257 मामलों का निपटारा हुआ और 15,000 रुपये की समझौता राशि तय हुई. दांपत्य विवाद से संबंधित 16 मामलों में कोई भी मामला निबटारा नहीं हो सका. प्रधान जिला जज ब्रजेश कुमार ने व्यवहार न्यायालय जहानाबाद एवं अरवल में न्यायपीठ का निरीक्षण किया और संबंधित पदाधिकारियों को पक्षकारों को अधिक से अधिक सहूलियत प्रदान करने का निर्देश दिया. जहानाबाद व्यवहार न्यायालय में अरुण कुमार शर्मा डी एंड एएसजे प्रथम, कौशलेंद्र कुमार शुक्ला मुख्य न्यायाधीश अधिकारी, अदिति कुमारी अवर न्यायाधीश, अनीश कुमार एसडीजेएम, आरव जैन कुमारी, डिंपी कुमारी, प्रेरणा सिंह न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी और पैनल अधिवक्ताओं ने लंबित मामलों के निबटारे में सहयोग किया. अरवल व्यवहार न्यायालय में पीठासीन पदाधिकारी राजेश कुमार वर्मा डी एंड एएसजे 2, मनीष कुमार पांडे मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, आलोक कुमार एसडीजेएम और दीपक कुमार न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी के साथ पैनल अधिवक्ताओं ने लंबित मामलों के निबटारे में मदद की. इस अवसर पर दोनों न्यायालयों के कर्मी, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अधिकारी और काफी संख्या में पक्षकार उपस्थित थे. इस आयोजन से न्यायिक प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और त्वरित निबटारे को बढ़ावा मिला, जिससे आम जनता को न्याय तक शीघ्र पहुंच सुनिश्चित हो सका.
अरवल में 268 मामलों का निष्पादन, बैंक ऋण से 51 लाख की रिकवरी
अरवल. अरवल के व्यवहार न्यायालय परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. इस दौरान कुल 268 मुकदमों का निष्पादन आपसी समझौते के आधार पर किया गया. लोक अदालत में 79 आपराधिक सुलहनीय वादों का त्वरित निष्पादन किया गया. बैंक ऋण से संबंधित 188 मामलों में कुल 51,99,178 रुपये का सेटलमेंट हुआ, जिनमें से 21,81,578 रुपये की रिकवरी की गयी. बीएसएनएल के एक मामले में 1,157 रुपये की रिकवरी हुई. मुकदमों के त्वरित निष्पादन के लिए चार पीठों का गठन किया गया. प्रथम पीठ में एडीजे द्वितीय राजेश कुमार वर्मा एवं पैनल अधिवक्ता विनोद कुमार, द्वितीय पीठ में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मनीष कुमार पांडेय एवं पैनल अधिवक्ता रामेश्वर राम, तृतीय पीठ में अनुमंडलीय नायक दंडाधिकारी आलोक कुमार एवं पैनल अधिवक्ता नंदकिशोर शर्मा और चतुर्थ पीठ में न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी दीपक कुमार एवं पैनल अधिवक्ता रामजन्म सिंह द्वारा मुकदमों का निष्पादन किया गया. इस अवसर पर न्यायालय कर्मी अभिमन्यू कुमार, गणेश चौधरी और अन्य कर्मियों ने मुकदमों के त्वरित निष्पादन में सहयोग किया. इस आयोजन से जनहित में मामलों के त्वरित निपटारे को बढ़ावा मिला और न्याय प्रणाली की पारदर्शिता और प्रभावशीलता सुनिश्चित हुई.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

