जहानाबाद नगर : शरीर के किसी भी हिस्से में तम्बई रंग का दाग हो और उस दाग में सुनापन हो तो वह कुष्ठ हो सकता है. कुष्ठ का इलाज प्रारंभिक अवस्था में होने से विकलांगता से बचा जा सकता है. हाथ एवं पैर की नस का मोटा होना, दर्द होना एवं झुनझुनी होना भी कुष्ठ […]
जहानाबाद नगर : शरीर के किसी भी हिस्से में तम्बई रंग का दाग हो और उस दाग में सुनापन हो तो वह कुष्ठ हो सकता है. कुष्ठ का इलाज प्रारंभिक अवस्था में होने से विकलांगता से बचा जा सकता है. हाथ एवं पैर की नस का मोटा होना, दर्द होना एवं झुनझुनी होना भी कुष्ठ के प्रारंभिक लक्षण हो सकते हैं.
उपचार के बाद कुष्ठ रोगी दूसरे व्यक्ति को संक्रमित नहीं करते हैं. यह कहना है कि जिला कुष्ठ नियंत्रण पदाधिकारी डॉ ललन कुमार गुप्ता का. जिले में कुष्ठ रोगी खोजी अभियान चलाया जा रहा है. यह अभियान 15-28 फरवरी तक चलेगा. अभियान के दौरान स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर कुष्ठ रोगियों को खोज रहे हैं. अभियान के तहत कुष्ठ मरीजों की पहचान कर उनके नि:शुल्क उपचार के लिए प्रेरणा एवं मार्गदर्शन दिया जायेगा. अभियान के दौरान चमड़ी पर के दाग एवं सुनापन को स्वास्थ्य कर्मियों को दिखाएएं ताकि स्पष्ट हो सके कि वह कुष्ठ है या नहीं.
जिले में अब तक 224 मरीज हो चुके हैं चिह्नित
जिले में अप्रैल 2017 से अब तक 224 कुष्ठ रोगी चिह्नित किये जा चुके हैं. इनका एमडीटी से नि:शुल्क इलाज किया जा रहा है. एमडीटी सभी सरकारी अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केंद्रों में नि:शुल्क मरीजों को दिया जाता है.
अभियान में लगायी गयी हैं स्वास्थ्यकर्मियों की 967 टीमें
जिले में कुष्ठ रोगी खेाजी अभियान में 967 टीमें लगायी गयीं हैं. प्रत्येक टीम में एक पुररुष एवं एक महिला सदस्य शामिल हैं. इस टीम में आशा कार्यकर्ताओं को लगाया गया है. 20 आशा कार्यकर्ताअों पर एक आशा फैसिलेटर को सुपरवाइजर के रूप में अभियान में लगाया गया है. अभियान के दौरान जिस मरीज को चिह्नित किया जायेगा,
उसे प्रखंड स्तरीय नोडल पदाधिकारी के पास रेफर किया जायेगा. नोडल पदाधिकारी उसकी जांच करने के बाद स्पष्ट करेंगे कि यह कुष्ठ है या नहीं. कुष्ठ होने पर प्रखंड स्तर पर नि:शुल्क उपचार की व्यवस्था होगी. अभियान में लगे कर्मी घर-घर जाकर कुष्ठ पीड़ितों को चिह्नित करेंगे.