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पहले एक्स-रे, अब अल्ट्रासाउंड केंद्र हो गया बंद

जहानाबाद (नगर) : सदर अस्पताल में मरीजों में मिलने वाली सेवाएं एक-एक कर बंद होती जा रही हैं. विगत एक अप्रैल से एक्स-रे की सुविधा बंद है, जिससे मरीजों की परेशानी अभी दूर भी नहीं हुई थी कि शुक्रवार से अल्ट्रासाउंड की सुविधा भी बंद हो गयी. ऐसे में इन सेवाओं के बंद होने से […]

जहानाबाद (नगर) : सदर अस्पताल में मरीजों में मिलने वाली सेवाएं एक-एक कर बंद होती जा रही हैं. विगत एक अप्रैल से एक्स-रे की सुविधा बंद है, जिससे मरीजों की परेशानी अभी दूर भी नहीं हुई थी कि शुक्रवार से अल्ट्रासाउंड की सुविधा भी बंद हो गयी. ऐसे में इन सेवाओं के बंद होने से मरीजों की परेशानी तो बढ़ ही गयी है, चिकित्सक भी परेशान हैं

कि आखिर बिना जांच रिपोर्ट के मरीजों के मर्ज का इलाज कैसे संभव हो पायेगा. हालांकि अस्पताल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अल्ट्रासाउंड केंद्र के संचालक इलाज कराने बाहर गये हैं, जिसके कारण अगले चार दिनों तक यह सेवा बंद रहेगी. ऐसे में चार दिनों तक मरीजों के मर्ज का बेहतर इलाज कैसे हो पायेगा यह चिंता की बात है. सदर अस्पताल में प्रतिदिन करीब 100 की संख्या में मरीजों का अल्ट्रासाउंड कराया जाता है. विशेषकर गर्भवती महिलाएं तथा गंभीर रूप से पेट, सीना से संबंधित बीमारियों से पीड़ित मरीजों का अल्ट्रासाउंड कराया जाता है, जिनकी रिपोर्ट के आधार पर ही इलाज संभव होता है

ऐसे में जब अल्ट्रासाउंड की सुविधा बंद हो गयी है, तो मरीजों का बेहतर इलाज संभव नहीं दिखता है. विदित हो कि राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से आउटसोर्सिंग के तहत सदर अस्पताल में अल्ट्रासाउंड केंद्र की स्थापना कराया गया था.

गरीब मरीजों के लिए अल्ट्रासाउंड कराना हुआ मुश्किल : दूर-दराज के ग्रामीण इलाकों से प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में मरीज बेहतर इलाज के उद्देश्य से सदर अस्पताल में पहुंचते हैं. वहीं, रेफरल व पीएचसी से भी मरीजों को बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल में रेफर किया जाता है, ताकि यहां उन्हें अधिक सुविधाएं मिलें तथा उनके मर्ज का बेहतर इलाज हो सके. यहां आनेवाले मरीजों में अधिकतर कमजोर व लाचार होते हैं, जो निजी अस्पताल में अपने मर्ज का इलाज कराने में सक्षम नहीं होते हैं. ऐसे में इन मरीजों को अस्पताल से बाहर अल्ट्रासाउंड कराना संभव प्रतित नहीं होता. बाहर में अल्ट्रासाउंड कराने के लिए 600 से 2000 रुपये तक खर्च करना पड़ता है, जो सभी मरीजों के लिए संभव नहीं दिखता है. ऐसे में अब जबकि अल्ट्रासाउंड की सुविधा बंद हो गयी है, मरीजों का बेहतर इलाज हो पाना मुश्किल दिख रहा है.
सदर अस्पताल में गरीबों को इलाज कराना हुआ मुश्किल
गर्भवती महिलाओं की बढ़ी ज्यादा परेशानी
केंद्र संचालक इलाज कराने बाहर गये हैं
अल्ट्रासाउंड केंद्र के संचालक अपना इलाज कराने बाहर गये हुए हैं, जिसके कारण अगले चार दिनों तक केंद्र बंद रहेगा. इसकी जानकारी संबंधित चिकित्सक द्वारा विभाग को दी गयी है. हालांकि केंद्र के बंद रहने से मरीजों को परेशानी होगी.
डॉ ब्रज भूषण प्रसाद, उपाधीक्षक

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