जमुई. राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे महिला संवाद कार्यक्रम के तहत जिले की ग्रामीण महिलाओं में जागरूकता और आत्मविश्वास की नई लहर देखी जा रही है. जानकारी देते हुये डीपीआरओ भानु प्रकाश ने जानकारी देते हुये बताया कि जहां कभी महिलाएं अपने घर की चौखट तक सीमित थीं, आज वही महिलाएं गांव-गांव में अपनी आवाज़ बुलंद कर रही हैं और सरकार से अपने अधिकारों के साथ-साथ योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर संवाद कर रही हैं. 18 अप्रैल से प्रारंभ इस राज्यव्यापी कार्यक्रम के तहत जमुई जिले के 825 गांवों में अब तक डेढ़ लाख से अधिक महिलाएं भाग ले चुकी हैं. इनमें जीविका समूह की 1,52,999 और अन्य ग्रामीण पृष्ठभूमि की 15,454 महिलाएं शामिल हैं. यह आंकड़ा इस बात की पुष्टि करता है कि ग्रामीण महिलाओं की भागीदारी अत्यंत उत्साहजनक है. रविवार के अवकाश के बावजूद महिलाएं घरेलू कार्यों से समय निकालकर संवाद कार्यक्रम में शामिल हुईं. सदर प्रखंड के लक्खापुर, सोनो प्रखंड के केशो फरक्का और बबुडीह पंचायत के साईं बाबा ग्राम संगठन सहित कई स्थानों पर 200 से 300 महिलाओं की भागीदारी देखी गई. इसी तरह लालीलेवार पंचायत के ब्रह्मबाबा ग्राम संगठन सहित अन्य पंचायतों में भी कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित हुए. कार्यक्रम प्रतिदिन दो पालियों सुबह और शाम में आयोजित किया जा रहा है. जिले के आठ प्रखंडों के 22 गांवों में प्रतिदिन औसतन 5,000 से अधिक महिलाएं इस पहल से जुड़ रही हैं. महिलाओं को सरकारी योजनाओं से जोड़ने और उन्हें जागरूक बनाने के लिए 11 जागरूकता रथ चलाये जा रहे हैं. कार्यक्रम स्थलों पर सेल्फी पॉइंट्स, स्टैंडी, सूचनापत्र, मुख्यमंत्री का संदेश पत्र और लीफलेट्स के माध्यम से भी महिलाओं को जानकारी दी जा रही है. यह पहल ग्रामीण महिलाओं को सिर्फ योजनाओं की जानकारी देने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उन्हें आत्मनिर्भरता, नेतृत्व और सामाजिक बदलाव का माध्यम भी बना रही है. ग्रामीण विकास विभाग की इस पहल ने जिले में महिला सशक्तिकरण को नई दिशा दी है और यह कार्यक्रम महिलाओं के अनुभव, भावना और संकल्प का सशक्त मंच बनकर उभरा है.
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