बरहट. शिक्षा विभाग योजना चलाकर अपने सरकारी स्कूलों का कायाकल्प बदलने में लाखों रुपये खर्च कर रहा है. किंतु विभाग के ही लापरवाह कर्मियों की वजह से शिक्षा के मंदिर में विकास के नाम पर खर्च की गई हजारों रुपये पानी में बहते हुए दिखाई दे रहे हैं. मामला बरहट प्रखंड के नुमर पंचायत वार्ड नं 3 में संचालित उत्क्रमित मध्य विद्यालय कोल्हुआ पेंघी से जुड़ा है. जानकारी देते हुए स्थानीय ग्रामीण संजय दास, मो जवीर, सचिन कुमार, दीपक कुमार, गुड्डू कुमार ने बताया की शिक्षा विभाग की ओर से 4 .90 लाख रुपये विद्यालय के जीर्णोद्धार के लिए स्वीकृति दी थी. जिसके तहत विद्यालय भवन का जर्जर दीवार, भवन की छत, चहारदीवारी व विद्यालय कक्ष की जमीन की मरम्मत तथा रंग रोहन का कार्य किया गया है. लेकिन मौसम की पहले ही बारिश ने शिक्षा के मंदिर में संवेदक के द्वारा कराये गये गुणवत्ताविहीन कार्य का पोल खोलकर रख दी है .विद्यालय भवन के कक्षा एक और कक्षा 2 में बारिश का गंदा पानी कमरा में टपकता रहता है. जिस कारण बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने में परेशानी होती है. वहीं दीवारों पर पानी पसीजने के कारण संवेदक के द्वारा कराए गए रंग रोहन का पेंट उखड़ रहा है. ग्रामीणों का आरोप है की चाहरदीवारी मरम्मत में भी गुणवत्ता का अनदेखी की गयी है. चहारदीवारी की दरारों में सिर्फ बालू और सीमेंट देकर दरारों को ढक दिया गया .जिस कारण दीवार से ईंट खुलने लगी है. ग्रामीणों ने बताया कि इसकी शिकायत संबंधित अधिकारी से की गयी, लेकिन दोषियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं हुई है. इधर विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक इंद्रदेव दास ने बताया कि छत से पानी टपकने की शिकायत जेई मनोरंजन कुमार से की है. इस संबंध में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी तारकेश्वर प्रसाद मिश्र ने बताया कि स्कूल की छत से पानी टपकना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण बात है. विद्यालय का निरीक्षण कर आगे की कार्रवाई की जायेगी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है