जमुई. जिले में महिलाओं को सरकारी योजनाओं से जोड़ने और उन्हें सामाजिक-आर्थिक मुद्दों पर जागरूक करने के उद्देश्य से चलाया जा रहा महिला संवाद कार्यक्रम अब एक जनआंदोलन का रूप ले चुका है. जानकारी देते हुए डीपीआरओ भानु प्रकाश ने बताया कि ग्रामीण विकास विभाग के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में अब तक दो लाख महिलाओं तक मुख्यमंत्री का संदेश पत्र पहुंच चुका है और वे सरकारी योजनाओं की जानकारी से लाभान्वित हो रही हैं. जिले के चकाई, जमुई सदर, लक्ष्मीपुर, खैरा, सिकंदरा, सोनो, ई अलीगंज और झाझा प्रखंड के 22 गांवों में सोमवार को महिला संवाद कार्यक्रम आयोजित हुआ, इसमें पांच हजार से अधिक महिलाओं ने भाग लिया.
महिलाओं ने साझा की अपनी सफलता की
कहानियां
कार्यक्रम में कई महिलाओं ने अपनी सफलता की प्रेरणादायक कहानियां साझा कीं. सदर प्रखंड के लक्ष्मी जीविका समूह की सदस्य रूबी देवी ने बताया कि पहले मैं घर से बाहर नहीं निकलती थीं, लेकिन जीविका से जुड़ने के बाद बैंकिंग से लेकर बच्चों की पढ़ाई तक में मैं सक्रिय भूमिका निभा रही हैं. मेरे दोनों बच्चों को मैट्रिक व इंटर पास करने पर प्रोत्साहन राशि भी मिली है.
विद्या जीविका ग्राम संगठन की कोषाध्यक्ष पूनम देवी ने ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ पर जोर देते हुए कहा कि बेटियों को पढ़ाना जरूरी है. उनकी बेटी ने इंटर परीक्षा प्रथम श्रेणी में पास की है और उसे 25 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि मिली है. साथ ही बताया कि मुझे शौचालय योजना का लाभ भी मिला है. पद्मावत गांव की बेबी देवी ने बताया कि सतत जीविकोपार्जन योजना से जुड़ने से पहले वह बेहद मुश्किल हालातों में थीं. पति की मौत के बाद दो बच्चों की जिम्मेदारी अकेले उठानी पड़ी. अब मैं श्रृंगार दुकान चला रही हूं और बच्चों को स्कूल भेज रही हूं.महिला संवाद बना जागरूकता और सशक्तिकरण का माध्यम
यह कार्यक्रम न केवल सरकारी योजनाओं की जानकारी देने का माध्यम बना है, बल्कि महिलाओं को सामाजिक संवाद, घरेलू हिंसा, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे मुद्दों पर खुलकर बोलने का मंच भी दे रहा है. हजारों महिलाओं ने मंच से अपने अनुभव साझा किए हैं और एक-दूसरे को प्रेरित किया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है