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पूर्व नक्सली कमांडर लखन यादव की गोली मारकर हत्या

चरकापत्थर थाना क्षेत्र के बाराटांड़ गांव में बीते शनिवार की देर शाम पूर्व नक्सली कमांडर लखन यादव (40) की गोली मारकर हत्या कर दी गयी.

चरकापत्थर थाना क्षेत्र के बाराटांड़ की घटना

बाइक सवार हमलावरों ने समीप से दागी गोलियां, मौके पर ही हो गयी मौत

नक्सली गतिविधि छोड़ लखन जी रहा था सामान्य जीवन

दो तीन वर्ष पूर्व ही वह जमानत पर जेल से बाहर आया था

सोनो. चरकापत्थर थाना क्षेत्र के बाराटांड़ गांव में बीते शनिवार की देर शाम पूर्व नक्सली कमांडर लखन यादव (40) की गोली मारकर हत्या कर दी गयी. मृतक लखन यादव चरकापत्थर थाना क्षेत्र के चिल्काखार गांव का निवासी था. दो मित्रों के साथ वह अपने गांव से महज ढाई तीन किलोमीटर दूर बाराटांड़ में आदिवासी पर्व सोहराय में शामिल होने गया हुआ था. बताया जा रहा है कि दो बाइक पर चार हमलावर आये और लखन पर ताबडतोड़ गोली चलाने लगे. लखन के दोनों आंख, गले और सीने पर गोली लगी जिससे उसकी मौत मौके पर ही हो गयी.

घटना की सूचना पर रात्रि में ही झाझा एसडीपीओ राजेश कुमार व चरकापत्थर थानाध्यक्ष रंजीत कुमार दल बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा. बताया जा रहा है कि बाराटांड आदिवासी टोला में चल रहे सोहराय कार्यक्रम में शामिल होने के बाद उक्त गांव के एक घर पर खाने के लिए रुका था. शाम करीब 7 बजे उस घर के सामने स्थित गुमटी में सिगरेट लेने गया था, तभी दो बाइक से आये हमलावरों ने उस पर समीप से फायरिंग की. पूर्व नक्सली कमांडर लखन की सरेआम हुई हत्या से इलाके में दहशत फैल गयी. बताते चलें कि दस बारह वर्ष पूर्व नक्सली संगठन से जुड़ने के बाद लखन यादव का नाम कई नक्सली घटना में आया था. बतौर कमांडर वह क्षेत्र में संगठन के लिए खुलकर काम करने लगा था. इसी बीच वह एसटीएफ के हत्थे भी चढ़ा और कई वर्ष जेल में रहा. दो तीन वर्ष पूर्व ही वह जमानत पर जेल से बाहर आया था और संगठन से दूर होकर अपने गांव चिल्काखार में सुकून की जिंदगी बीता रहा था.

हर बिंदु पर पुलिस कर रही है छानबीन

चरकापत्थर थानाध्यक्ष रंजीत कुमार ने बताया कि पुलिस हर बिंदु पर छानबीन कर रही है. नक्सली पृष्ठभूमि, पुरानी रंजिश, लेन-देन, आपराधिक इतिहास सहित सभी पहलुओं पर जांच चल रही है. पुलिस ने घटनास्थल से मिले सुराग और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर आरोपितों की तलाश तेज कर दी है. वहां के लोगों से हमलावरों की पहचान को लेकर पूछताछ की जा रही है. परिवार के सदस्य द्वारा अभी तक आवेदन नहीं दिया गया है इस कारण घटना को लेकर अभी प्राथमिकी दर्ज नहीं हो पायी है. हत्या के कारण को लेकर जांच की जा रही है. संभावना जताई जा रही है कि आपसी रंजिश और वर्चस्व के कारण हत्या हुई होगी. वैसे अन्य संभावित कारणों पर भी जांच की जा रही है.

जोनल कमांडर पिंटू राणा के साथ कई घटनाओं को दिया था अंजाम

कभी नक्सल प्रभावित क्षेत्र रहे बाराटांड़ के समीप गोलीबारी में मारे गये पूर्व नक्सली कमांडर लखन यादव उर्फ लखन दा का कभी इस क्षेत्र में दहशत था. आठ वर्षों तक उसने नक्सल संगठन में रहकर कई घटना को अंजाम दिया था. भाकपा माओवादी के पूर्वी बिहार-पूर्वोत्तर झारखंड स्पेशल एरिया कमेटी में शामिल होने वाले लखन को जोनल कमांडर पिंटू राणा के साथ काम करने का मौका मिला. खैरा, चकाई और कौवाकोल क्षेत्र का नक्सली कमांडर बनकर उसने उस क्षेत्र में भी कई वारदात को अंजाम दिया था. उस पर ठेकेदारों से लेवी वसूली, हथियारबंद कार्रवाई की साजिश और कई बड़ी नक्सल घटना में शामिल रहने के आरोप लगे. चरकापत्थर थाना में दो मामले सहित विभिन्न थाना में दर्ज दर्जन भर नक्सल कांडों में उसका नाम आया था. पूर्व से शादीशुदा लखन ने इसी बीच संगठन की महिला नक्सली सुनीता मरांडी से शादी कर ली. लखन और सुनीता ने मिलकर मिरचा के तत्कालीन मुखिया के घर पर हमला, मोबाइल टावर उड़ाने, जमुई के दो पेट्रोल पंपों पर घटना को अंजाम देने सहित एक दर्जन से अधिक बड़ी वारदातों को किया. एसटीएफ ने विशेष अभियान चलाकर लखन और उसकी पत्नी को गिरफ्तार किया था. जिस समय लखन के साथ सुनीता गिरफ्तार हुई थी, उस वक्त वह गर्भवती थी और उसने जमुई जेल में एक बेटे को जन्म दी थी. जेल से निकलने के बाद लखन अपनी पत्नी सुनीता और बच्चे को लेकर चिल्काखार आया और संगठन से दूर रहकर पहली पत्नी के साथ सपरिवार सुकून की जिंदगी बिताने लगा था. इससे पूर्व 2020 में चकाई के बोंगी में सड़क निर्माण कंपनी की तीन जेसीबी जलाने, मजदूरों के साथ मारपीट और लूट के मामले में भी उसका नाम सामने आया था. उसके ऊपर चरकापत्थर थाना में भी नक्सल कांड संख्या 340/20 और 342/20 के तहत मामला दर्ज हुआ था. उस समय भी उसे गिरफ्तार किया गया था और उसकी निशानदेही पर चिल्काखार के समीप से हथियारों का जखीरा बरामद हुआ था. जेल से छूटने के बाद दंपती ने मुख्यधारा से जुड़ने और शांतिपूर्ण जीवन व्यतीत करने का मन बनाया था.

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