गिद्धौर. सूबे की सरकार जमीनी स्तर पर गांव टोलों कस्बों को विकास के हर मानक से जोड़ने के लिये सतत प्रयत्नशील है. इसके लिये विकास कार्यों से जुड़ी कई जनोपयोगी योजनाओं को गांव टोलों में धरातल पर उतारकर इन्हें विकास के मानक से जोड़ने की कवायद भी करती रही है, लेकिन इतने कवायदों के बावजूद वर्तमान समय में सरकार के विकास कार्यों से जुड़े लाख प्रयासों के बावजूद भी छोटे गांव कस्बों में निवास करने वाले आम लोग को सरकार के इतने प्रयासों के बावजूद भी जन कल्याणकारी योजनाओं का समुचित लाभ नही मिल पा रहा है, जिसकी बानगी बना गिद्धौर प्रखंड की कोल्हुआ पंचायत का भोलानागर महादलित टोला. जहां ग्रामीण विकास से जुड़े जन कल्याणकारी योजनाओं के लाभ से आज तक महरूम हैं. जिसकी सुधि लेने वाला कोई नही. बताते चलें कि सरकार के सात निश्चय योजना अंतर्गत बीते कई वर्षों पूर्व यहां महादलित टोलों में निवास करने वाले ग्रामीण महादलितों के गले की प्यास बुझाने लाखों रुपये की राशि खर्च कर हर घर नल जल योजना के तहत भोलानागर गांव के महादलित टोलावासियों की एक बड़ी आबादी की प्यास बुझाने को लेकर यहां सात निश्चय योजना के तहत वर्षों पूर्व जलमीनार लगवाया गया था, लेकिन वर्तमान स्थिति यह हैं कि इस महादलित टोले के लोगों के रोजमर्रा से जुड़े पेयजल आपूर्ति के लिए लगा जलमीनार यहां शोभा की वस्तु बनकर रह गया है. करीब 1200 से अधिक आबादी वाले इस गांव में लाखों रुपये खर्च कर सरकारी व्यवस्था के तहत लगा यहां यह जलमीनार महादलित बस्ती के लोगों के प्यास बुझाने के नाम पर महज शोभा की वस्तु बनकर रह गया है.
कहते हैं भोलानगर महादलित टोला के ग्रामीण
कोल्हुआ पंचायत के भोलानगर महादलित टोले में पेयजल संकट झेल रहे महादलित टोला के ग्रामीण राजीव कुमार, प्रेम कुमार, पवन कुमार, टूकन मांझी, पिंकी देवी, जोगन मांझी, अरुण मांझी, गिरीश मांझी, बिरजू मांझी, तूफानी मांझी, शैलेंद्र मांझी, वासुदेव मांझी सहित दर्जनों महादलित परिवार के लोगों ने समस्या को ले जानकारी देते बताया कि सरकार की जनहित से जुड़ी महत्वाकांक्षी योजना हम महादलितों बस्तियों में पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देती है. आगे बताया कि वर्षों पूर्व सरकार के हर घर नल जल योजना के तहत यहां पानी टंकी लगाया गया था, लेकिन इन महादलित घरों में लगाये गये पानी टंकी के नल की टोंटी से बूंद-बूंद पानी भी टपकते यहां लोगों ने नही देखा है. सरकार की ऐसी योजनाओं से हम महादलितों को क्या लाभ जो हमारे गले की प्यास भी ना बुझा सके. महादलित टोलावासियों ने आगे बताया कि जल मीनार से पेयजल आपूर्ति नहीं होने से हमलोग अन्य स्रोतों से इकट्ठा किये गए जल से बमुश्किल अपने गले की प्यास बुझा रहें हैं. पेयजल समस्या को लेकर भोलानगर महादलित टोला के ग्रामीणों ने प्रखंड के पदाधिकारियों व पीएचईडी विभाग से महादलित टोला में पेयजल संकट से जुड़े समस्या के निदान की मांग की है. ताकि महादलित परिवार के लोगों को शुद्ध पेयजल मुहैया हो सके.
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अभी सब चुनाव कार्य को संपन्न करने में लगे हुए थे, अब शुक्रवार को मतगणना कार्य निबटा कर इस ओर ध्यान दिया जायेगा. बंद पड़े पानी टंकी को हर हाल में चालू करवा दिया जायेगा.
वर्षा कुमारी जेई पीएचईडी (गिद्धौर)डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

