चकाई . झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के निधन से प्रखंड में शोक की लहर है. मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री का अंतिम संस्कार उनके पैतृक आवास रामगढ़ जिले के नेमरा गांव में किया गया. अंतिम संस्कार में चकाई विधानसभा क्षेत्र से भी बड़ी संख्या में विभिन्न दलों के नेता और गुरु जी के समर्थक नेमरा पहुंचकर अंतिम संस्कार में शामिल हुए. मालूम हो कि दिशोम गुरु के नाम से प्रसिद्ध शिबू सोरेन का चकाई से काफी लगाव था. वह यहां दर्जनों बार आ चुके थे. यहां के आदिवासी समुदाय में उनकी गहरी पैठ थी. वह हमेशा चकाई को झारखंड का अंग मानते थे और हमेशा चकाई विधानसभा क्षेत्र और जमुई लोकसभा क्षेत्र से झामुमो का प्रत्याशी उतारते थे. यही कारण था की बड़ी संख्या में लोग उनके अंतिम संस्कार में शामिल हुए. अंतिम संस्कार में शामिल होने वालों में चकाई की पूर्व विधायक सावित्री देवी, राजद नेता विजय शंकर यादव,चकाई फाल्गुनी प्रसाद यादव महाविद्यालय के प्राचार्य डा रविशंकर यादव, झामुमो के बिहार राज्य संयोजक ओंकार नाथ बरनवाल, पूर्व लोकसभा प्रत्याशी और पूर्व मुखिया प्रसादी पासवान, झामुमो नेता पृथ्वीराज हेंब्रम, मुंशी मरांडी, भोला वासके, शंकर हांसदा, जीतलाल हासदा, बीड़ी मजदूर संघ के नेता दीनदयाल बरनवाल आदि शामिल थे. पूर्व विधायक सावित्री देवी और राजद नेता विजय शंकर यादव ने बताया कि अंतिम संस्कार में उमड़ी भीड़ ने साबित कर दिया कि गुरुजी पूरे देश में कितने लोकप्रिय थे. वे जन-जन कण -कण के नेता थे.
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