चकाई. बुधवार की देर रात चीहरा थानाक्षेत्र के अति नक्सल प्रभावित पंचायत बोगी के करुवा पत्थर गांव में बोगी के पूर्व मुखिया की कार जलाये जाने एवं दुकान में आग लगाये जाने से मुखिया समेत स्थानीय लोग काफी सहमे हुए हैं. वहीं मौके पर मिले नक्सली पर्चे में नक्सलियों द्वारा घटना की जिम्मेदारी कुख्यात नक्सली अरविंद दा गुट द्वारा लिए जाने एवं पर्चा में कई स्थानीय ग्रामीणों का नाम अंकित होने पर इसके बारे में जानकर गांव के लोग नक्सली घटना मानकर काफी सहमे हुए हैं. हालांकि पुलिस इसे आपसी विवाद में हुई घटना या शरारती तत्व द्वारा की गयी शरारत मानकर नक्सली घटना मानने से इंकार कर रही है. पुलिस का कहना है कि नक्सली के नाम पर कोई आपराधिक गुट ऐसा कार्य कर सकता है. बताते चलें कि प्रखंड का बोगी, बरमोरिया, पोझा, बामदह, दुलमपुर, काफी नक्सल प्रभावित क्षेत्र रहा है. खास कर बोगी एवं बरमोरिया पंचायत में नक्सलियों द्वारा दर्जनों नक्सली घटनाओं को अंजाम देकर एक दर्जन से अधिक निर्दोष लोगों की पुलिस मुखबिरी के नाम पर दिन दहाड़े हत्या कर दी गयी है. इसे याद कर लोग आज भी सिहर उठते हैं. एक दशक से नक्सली वारदात में काफी कमी आई है. बिहार एवं झारखंड पुलिस के संयुक्त कांबिंग ऑपरेशन में कई बड़े नक्सली के गिरफ्तार होने एवं कई के पुलिस एनकाउंटर में मारे जाने पर इन सीमावर्ती क्षेत्रों में फिलहाल शांति है. फिर भी गाहे बगाहे नक्सली छोटी मोटी घटना को अंजाम देकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने से बाज नहीं आते. वैसे घटनास्थल पर लोगों में विश्वास पैदा करने के लिए पुलिस गश्त कर रही है. भेलवाघाटी की पुलिस भी मौके पर पहुंच कर घटना की जानकारी ले रही है.
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