जमुई . विजय दिवस के अवसर पर केकेएम कॉलेज, जमुई के स्नातकोत्तर अर्थशास्त्र विभाग के तत्वावधान में व्याख्यान हॉल संख्या तीन में लघु गोष्ठी का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में भारत–पाक युद्ध 1971 के अमर शहीदों को नमन करते हुए पुष्पांजलि अर्पित की गयी और विजय दिवस व भारतीय सेना का महत्व पर चर्चा की गयी. केकेएम कॉलेज अर्थशास्त्र के पीजी हेड डॉ गौरी शंकर पासवान ने कहा कि विजय दिवस भारतीय सैनिकों के शौर्य, संकल्प, त्याग और प्रतिबद्धता का प्रतीक है. 16 दिसंबर 1971 भारतीय इतिहास का स्वर्णिम अध्याय है, जब भारतीय सेना ने निर्णायक विजय प्राप्त करते हुए बांग्लादेश के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया. उन्होंने कहा कि इसी दिन 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सेना के समक्ष आत्मसमर्पण किया था, जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ा सैन्य आत्मसमर्पण था. डॉ. पासवान ने कहा कि 3 से 16 दिसंबर 1971 तक मात्र 13 दिनों में भारत ने ऐतिहासिक विजय हासिल की, जो भारतीय सेना की रणनीतिक कुशलता, नैतिक साहस और मानवीय प्रतिबद्धता का प्रमाण है. सहायक प्राध्यापक सरदार राम ने कहा कि विजय दिवस राष्ट्रीय गौरव का दिवस है. यह हमें याद दिलाता है कि भारत शांति का पक्षधर है, लेकिन अन्याय और अत्याचार के विरुद्ध दृढ़ता से खड़ा होना उसकी पहचान है. उन्होंने कहा कि 1971 का युद्ध केवल सीमा विवाद नहीं, बल्कि मानवाधिकार, लोकतंत्र और मानवीय मूल्यों की रक्षा का युद्ध था. तीनों सेनाओं के संयुक्त अभियान ने ही इस ऐतिहासिक विजय को संभव बनाया. प्रोफेसर डॉ. देवेंद्र कुमार गोयल ने कहा कि विजय दिवस भारत की दृढ़ इच्छाशक्ति, संकल्प और साहस की अमर गाथा है. उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के सशक्त नेतृत्व में भारत ने विजय प्राप्त की, जिससे विश्व मंच पर भारत की प्रतिष्ठा और सुदृढ़ हुई. आज का भारत 1971 के भारत से कहीं अधिक सशक्त और आत्मनिर्भर है. असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अजीत कुमार भारती ने कहा कि विजय दिवस भारत के लिए गौरव और सम्मान का प्रतीक है. 16 दिसंबर 1971 को मिली जीत में सैकड़ों सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति दी. उन सभी अमर शहीदों को कोटिशः नमन है. कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे, जिन्होंने 1971 के युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके बलिदान को स्मरण किया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

