-अब आतंकी खतरे तकनीकी व रासायनिक रूप में सामने आ रहे हैं जमुई. दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किला के पास हुए आई 20 कार विस्फोट में नौ लोगों की मौत और दो दर्जन से अधिक के घायल होने की घटना पर केकेएम कॉलेज के वरीय सहायक प्राचार्य सह विश्व शांति व एकजुटता संगठन के सदस्य प्रो गौरी शंकर पासवान ने गहरा दुख व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि यह विस्फोट भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर चेतावनी है. कहा कि लाल किला जैसे अत्यंत संवेदनशील क्षेत्र में विस्फोट होना हमारी सुरक्षा व्यवस्था और खुफिया तंत्र की कमजोरी को उजागर करता है. यह महज एक हादसा नहीं, बल्कि आतंकवादी हमले की श्रेणी में आता है. यदि सीसीटीवी निगरानी, वाहन स्कैनिंग और सीमांत निरीक्षण जैसी तकनीकी व्यवस्थाएं प्रभावी रहतीं, तो शायद यह घटना रोकी जा सकती थी. उन्होंने कहा, अब आतंकी खतरे पारंपरिक नहीं, बल्कि तकनीकी और रासायनिक मिश्रित स्वरूप में सामने आ रहे हैं. जिस देश के नागरिक सतर्क और जागरूक होते हैं, वहां आतंक की जड़ें नहीं जम पातीं. आतंकवाद का न कोई जाति है, न धर्म, उसका केवल एक दुश्मन है-मानवता. प्रो पासवान ने कहा कि यह घटना देश के लिए एक संदेश है कि “विकसित भारत 2047” का सपना तभी साकार हो सकता है, जब हर नागरिक सुरक्षित, सजग और एकजुट हो. उन्होंने सरकार से सुरक्षा तंत्र को अत्याधुनिक बनाने की अपील की, इसमें स्मार्ट सर्विलांस सिस्टम, केमिकल डिटेक्टर, इंटेलिजेंस नेटवर्क अपग्रेड और जनता से रियल टाइम सूचना साझाकरण जैसी तकनीकें शामिल हों. उन्होंने कहा कि आतंकवाद सिर्फ सीमा पार से नहीं आता, बल्कि समाज की लापरवाही और असावधानी में भी पनपता है. दिल्ली ब्लास्ट में 9 लोगों की मौत देश के लिए चेतावनी है कि अब वक्त है जागने, सोचने और एकजुट होकर आतंक के खिलाफ खड़े होने का.
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