Bihar News: बिहार में भीषण गर्मी पड़ रही है. तापमान मार्च में ही 41 डिग्री के पार पहुंच चुका है. ऐसे में जमुई जिले के गिद्धौर प्रखंड के सिमरिया महादलित टोला में पिछले दो साल से लगभग 200 परिवार पीने के पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं. गांव में पानी की टंकी और पाइपलाइन तो लगी है, लेकिन नलों से सिर्फ धीरे-धीरे टपकता पानी आ रहा है. जिससे ग्रामीणों को पानी गड्डों में जमा कर छानकर पीना पड़ता है. जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. गर्मी के दिनों में पानी की सबसे ज्यादा जरूरत होती है और इस गांव में पानी के लिए ही लोगों को मशक्कत करना पड़ रहा.
सूखे पड़े हैंडपंप, दिखावे के नल
गांव में जगह-जगह नल तो लगे हैं, लेकिन वे सिर्फ शोपीस बनकर रह गए हैं. आधा दर्जन से ज्यादा हैंडपंप भी बेकार पड़े हैं, जिनमें से कोई पानी नहीं देता. कुछ हैंडपंपों को तो ग्रामीणों ने बोरे से ढक दिया है. केवल बारिश के मौसम में ही इनमें से कभी-कभार पानी निकलता है. लगभग 800 की आबादी वाले इस गांव के अधिकतर युवा रोजगार के लिए पलायन कर चुके हैं, जबकि यहां रह रहे लोगों को पीने के पानी तक के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है.
पड़ोसियों से पानी मांगने पर झगड़ा
ग्रामीण बताते हैं कि जब पड़ोसियों से पानी मांगते हैं, तो एक-दो बाल्टी पानी तो मिल जाता है, लेकिन उसके बाद वे नाराज हो जाते हैं. महिलाओं का कहना है कि मजबूरी में गंदा पानी पीना पड़ता है, जिससे बच्चों की तबीयत बिगड़ रही है. ग्रामीणों ने आगे बताया कि पिछले दो साल से यह स्थिति बनी हुई है, लेकिन अब तक किसी ने इस समस्या की शिकायत नहीं की.
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