27.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सोनो अस्पताल में बंध्याकरण के बाद ठंड में भी फर्श पर रात गुजारती हैं कई महिला मरीज

सोनो : आम लोगों के बेहतर स्वास्थ्य सुविधा अस्पताल में उपलब्ध कराने का सरकार का दावा सोनो अस्पताल में दम तोड़ता नजर आता है. तमाम सुविधाओं के बावजूद अस्पताल प्रशासन की लापरवाही मरीजों के लिए आफत बन सकती है. ताजा मामला अस्पताल में किए जा रहे महिलाओं के बंध्याकरण से जुड़ा हुआ है. बुधवार को […]

सोनो : आम लोगों के बेहतर स्वास्थ्य सुविधा अस्पताल में उपलब्ध कराने का सरकार का दावा सोनो अस्पताल में दम तोड़ता नजर आता है. तमाम सुविधाओं के बावजूद अस्पताल प्रशासन की लापरवाही मरीजों के लिए आफत बन सकती है. ताजा मामला अस्पताल में किए जा रहे महिलाओं के बंध्याकरण से जुड़ा हुआ है.

बुधवार को अस्पताल में लगभग 35 महिलाओं का बंध्याकरण किया गया, लेकिन आपरेशन के बाद कई महिलाओं को मरीज के कमरे में रहने वाले बेड के बजाय अस्पताल के बरामदे व सीढ़ी के नीचे फर्श पर लिटाया गया. रात भर ये महिलाएं ऑपरेशन के दर्द और ठंड से परेशान रही.
महिला मरीज के साथ उनके परिजन भी खुले बरामदे में फर्श पर बैठकर रात गुजारने को विवश हुए. जिस बरामदे के फर्श पर अनेकों मरीज व अन्य लोग जूता चप्पल पहने आते-जाते है, वहां ऑपरेटेड महिला को लाकर लिटा देने से पहले चिकित्सक या अस्पताल प्रबंधक ने एक बार भी नहीं सोचा कि यहां मरीज के घाव में इंफेक्शन की संभावना बढ़ सकती है या ठंढ में उन्हें कोई अन्य परेशानी हो सकती है.
अभी हाल में चकाई रेफरल अस्पताल में बंध्याकरण के बाद महिला को जमीन पर सुलाने के मामले पर अस्पताल प्रबंधन को फजीहत का सामना करना पड़ा था, बावजूद इसके सोनो अस्पताल प्रशासन द्वारा दूरस्थ गांव की गरीब व लाचार महिलाओं के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है.
आश्चर्य इस बात का है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र 30 बेड की क्षमता वाला अस्पताल है. यानि कम से कम 30 महिलाओं को बेड उपलब्ध होना चाहिए था और 5 महिलाओं को वैकल्पिक बेड की व्यवस्था करनी चाहिए थी, लेकिन लापरवाही का आलम यह है कि काफी संख्या में महिला मरीज को फर्श पर छोड़ दिया गया. इस संदर्भ में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा शशि भूषण चौधरी ने बताया कि अस्पताल की क्षमता 30 बेड की है.
क्षमता से ज्यादा महिलाओं के बंध्याकरण होने से 30 बेड के बाद शेष मरीज को गद्दा उपलब्ध कराया गया है. हालांकि प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी का गद्दा उपलब्ध कराने का यह दावा भी सही नहीं पाया गया. मरीज अपने घर से लाये गये बिछावन पर रात गुजारने को मजबूर हुई. हद तो तब हो गयी जब कई कमरे व हॉल वाले इतने बड़े अस्पताल में इन मरीजों को ठंड में कमरा तक उपलब्ध नहीं कराया गया. कई महिला मरीज बरामदे में ही रात गुजारने को मजबूर हुई.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें