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बेहतर तरीके से किया जायेगा कृषि विज्ञान केंद्र का संचालन

जमुई : आर्थिक रूप से बदहाल कृषि विज्ञान केंद्र जमुई को अब बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय पटना के द्वारा बेहतर तरीके से संचालित किया जाएगा. इसका देखभाल हमलोग अपने संतान की तरह करेंगे. हमारे विश्वविद्यालय के तहत अंगीभूत होने वाला यह इकलौता संस्थान है और इसका संचालन हर हाल में सही ढ़ंग से किया जायेगा […]

जमुई : आर्थिक रूप से बदहाल कृषि विज्ञान केंद्र जमुई को अब बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय पटना के द्वारा बेहतर तरीके से संचालित किया जाएगा. इसका देखभाल हमलोग अपने संतान की तरह करेंगे. हमारे विश्वविद्यालय के तहत अंगीभूत होने वाला यह इकलौता संस्थान है और इसका संचालन हर हाल में सही ढ़ंग से किया जायेगा ताकि इस जिला के किसान अधिक-से-अधिक लाभांवित हो सकें.

उक्त बातें बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति रामेश्वर सिंह ने अशोक नगर भवन में कृषि वैज्ञानिक वार्तालाप सह कृषि विज्ञान केंद्र के शुभारंभ समारोह के दौरान कहा.
उन्होंने अपने सम्बोधन के दौरान कहा कि जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार से जानकारी मिला है कि कृषि विज्ञान केंद्र जमुई(केवीके) बंद होने की कगार पर था. कर्मियों को कई महीने से बेतन नहीं मिलने के कारण काफी निराशा का माहौल था.
लेकिन इसके बावजूद कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख डा. सुधीर कुमार ने अपने सहयोगियों के साथ अथक मेहनत कर पुन: शुभ घड़ी लाने का कार्य किया है. इस कार्य में निदेशक आइसीएआर अटारी डा. अंजनी कुमार, पूर्व डीएम कौशल किशोर, वर्तमान डीएम धर्मेन्द्र कुमार, विभाग के प्रधान सचिव विजय लक्ष्मी, मंत्री पशुपति कुमार पारस, भारत सरकार के कृषि मंत्री राधामोहन सिंह का पूरा-पूरा सहयोग मिला है. जिससे कृषि विज्ञान केंद्र जमुई पुन: अपने मूल रूप में आने वाला है.
उन्होंने कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के द्वारा कृषि से संबंधित सभी प्रकार के वैज्ञानिक कार्यों का देखभाल किया जाता है और इसका सीधा लाभ किसानों को मिलता है. पूर्व में अनाज उपजाने के लिए किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था. लेकिन वर्तमान समय में कृषि की आधुनिक तकनीक की वजह से फसल की उपज अच्छी हो रही है.
जिलाधिकारी धर्मेन्द्र कुमार ने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख डा. सुधीर कुमार और अन्य वैज्ञानिको को देखकर मुझे आज ये सीख मिली है कि कभी हार नहीं माननी चाहिए. जब में जमुई आया था तो केवीके की स्थिति बदहाल थी. लेकिन डा. सुधीर कुमार और उनके टीम के सदस्यों ने अपने दिल्ली से लेकर पटना तक की दौड़ लगाकर पुन: इसे जागृत कर दिया है.
इस के लिए मैं कृषि विज्ञान केंद्र जमुई और बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों को धन्यवाद देता हूं. मत्स्य वैज्ञानिक डा. दिलीप कुमार, आइसीएआर अटारी के निदेशक डा. अंजनी कुमार, बिहार वेटनरी कॉलेज के अधिष्ठाता डा. जेके प्रसाद, वित्त नियंत्रक जेसी प्रसाद, निदेशक शिक्षा प्रसार एके ठाकुर, समाजसेवी भावानंद, किसान राम दिनेश शर्मा, कृषि वैज्ञानिक प्रमोद कुमार, ब्रजेश कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी संजय कुमार, सहायक निदेशक उद्यान वेद प्रकाश, उपनिदेशक भूमि संरक्षण विभाग रेवती रमन समेत दर्जनों लोग मौजूद थे.

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