गिद्धौर : सरकार ग्रामीण इलाकों में आम नागरिकों को विकास के हर संसाधनों से जोड़ने के लिए संकल्पित है और इसके लिए जमीनी स्तर पर लोगों के जीवनशैली में बदलाव लाने को लेकर कई तरह की विकास से जुड़ी योजनाएं सड़क बिजली पानी शिक्षा रोजगार आवास स्वच्छता जैसे कई कार्यों को मूर्त रूप देकर समाज को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने की कवायद में लगी है.
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विभागीय संवेदक ने जल मीनार को गलत तरीके से बनाया, विरोध में किया प्रदर्शन
गिद्धौर : सरकार ग्रामीण इलाकों में आम नागरिकों को विकास के हर संसाधनों से जोड़ने के लिए संकल्पित है और इसके लिए जमीनी स्तर पर लोगों के जीवनशैली में बदलाव लाने को लेकर कई तरह की विकास से जुड़ी योजनाएं सड़क बिजली पानी शिक्षा रोजगार आवास स्वच्छता जैसे कई कार्यों को मूर्त रूप देकर समाज […]
लेकिन सरकार के इतने गंभीरता के बाद भी कुछ विभागों के पदाधिकारी व संवेदक के मनमाफिक कार्यशैली के कारण सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के लोग आज भी विकास के इस युग में अपने जीवन से जुड़ी जरूरी संसाधनों के लिये लालायित है.
जिसका ताजा उदाहरण प्रखंड के कुंधुर पंचायत अंतर्गत पड़ने वाले गेनाडीह गांव के वार्ड नंबर आठ में पीएचईडी विभाग के उदासीनता के कारण गेनाडीह महादालित टोला के ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने को लेकर महादलित परिवार के लोगों द्वारा किये गये, प्रदर्शन को देखकर साफ लगाया जा सकता है. बताते चलें कि कुंधुर पंचायत के वार्ड आठ के महादलित ग्रामीण उक्त वार्ड में घोर पेयजल संकट झेल रहे हैं.
कहते के कुंधुर गेनाडीह महादलित टोला के ग्रामीण
उक्त टोले के महादलित ग्रामीण बिजली देवी, आरती देवी, शोभा देवी, मायावती देवी, सबुजा देवी, नेमवती देवी, संगीता देवी, रेखा देवी, लगनी देवी, संजू देवी, टुकनी देवी, चिलो मांझी आदि ने इस वार्ड में पेयजल संकट को लेकर पीएचईडी विभाग के खिलाफ उग्र प्रदर्शन कर विभागीय पदाधिकारियों एवं संवेदक के मनमाफिक कार्यशैली के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर योजना का समुचित लाभ नहीं मिलने का संदेह जाहिर कर विभाग के खिलाफ प्रदर्शन कर विरोध जताया है.
बताते चलें कि उक्त वार्ड में 200 महादलित परिवार इस टोले में मात्र एक चापाकल के सहारे पेयजल से जुड़ी अपनी दिनचर्या को लेकर एक चापाकल से अपना दैनिक कार्य निपटाते हैं और वो भी अब रुक-रुक कर पानी दे रहा है.
ग्रामीणों ने बताया कि इस इलाके में पीएचईडी विभाग द्वारा पेयजल समस्या के निदान को लेकर सरकार के सात निश्चय योजना के तहत लाखों रुपया खर्च कर जल मीनार बनाने का कार्य किया जा रहा है. महादलित लोगों का कहना है कि जलमीनार को इस टोले से लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर बनाये जाने के कारण पंचायत के गेनाडीह महादलित टोले के हम ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल नसीब होना बमुश्किल लग रहा है.
अपनी समस्याओं के निदान को लेकर विभागीय स्तर पर जलमीनार को लेकर मनमाफिक कार्य पीएचईडी विभाग के संवेदक द्वारा यहां कराये जाने से त्रस्त हो हमलोगों को मजबूरन विरोध प्रदर्शन करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा है कि हमलोग ने विभाग के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए मांग की है कि, उक्त जलमीनार को आबादी के हिसाब से ध्यान में रखकर उसे महादलित टोले में निर्माण करवाया जाये. ताकि हम गरीब महादलितों को शुद्ध जल मुनासिब हो सके.
उन्होंने आगे बताया कि इस संदर्भ में प्रखंड विकास पदाधिकारी चिरंजीवी पांडेय को मामले में समुचित पहल को लेकर आवेदन भी दिया गया है. वहीं पीएचईडी विभाग के कार्यपालक अभियंता को भी बीडीओ द्वारा मामले के निपटाने को लेकर पत्र निर्गत कर सूचित किया गया है. लेकिन पीएचईडी विभाग के मनमाने रवैये के कारण इस कुंधुर गेनाडीह गांव के महादलित ग्रामीण के लोगों के लिये शुद्ध पेयजल की व्यवस्था एक सपना बनकर रह गया है. व पेयजल से जुड़ा यह मसला आज भी अधर में लटका हुआ है.
कहते हैं वार्ड सदस्य
इस संबंध में संवेदक द्वारा मुझसे किसी भी प्रकार का राय मशविरा नहीं किया गया. महादलित टोले में ही जलमिनार लगाया जाना चाहिए. ताकि इन महादलितों को शुद्ध पेयजल मुनासिब हो सके. उक्त महादलित ग्रामीणों की मांग जायज है.
संजय रावत, वार्ड सदस्य
कहते हैं विभागीय अभियंता
ग्रामीण सिर्फ विकास योजना का विरोध करते हैं. लेकिन वस्तुस्थिति यह ही कि निजी जमीन पर निर्माण कार्य का विभाग इजाजत नहीं देता. सरकारी जमीन में बनाते है तो ग्रामीण का विरोध होता है. अगर कोई अपना निजी जमीन राजपाल के नाम से सरकार को उपलब्ध कराएं तो तो हम यहां जल मीनार की व्यवस्था विभागीय स्तर से करवाने का प्रयास करेंगे.
पीएचइडी विभाग के कनीय अभियंता
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