बिहार अपनी भाषा-संस्कृती और कला के लिए तो पूरे विश्व में प्रसिद्ध है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बिहार में एक ऐसी भी सड़क है जो एक या दो नहीं बल्कि पूरे 4 देशों को भारत से जोड़ती है. इसके साथ ही इस सड़क को भारत के सबसे पुराने नेशनल हाईवे का भी खिताब मिला हुआ है. शायद कुछ लोग इसका जवाब पहले से ही जानते होंगे. लेकिन अगर आप इसका जवाब नहीं जानते हैं तो कोई बात नहीं आपको इस सवाल का जवाब मिल जाएगा.

चंद्रगुप्त मौर्य के शासनकाल में हुआ था निर्माण
इतिहास के जानकार बताते हैं कि भारत का सबसे पुराना हाईवे जीटी रोड या ग्रैंड ट्रंक रोड (GT Road) है. बताया जाता है कि इसका निर्माण चंद्रगुप्त मौर्य के शासनकाल के दौरान हुआ था. हालांकि, इसे सोलहवीं शताब्दी में शेरशाह सूरी ने पक्का कराया था. तब इस पर जगह-जगह कोस मीनार (दूरी मापने के लिए), पेड़ और सराय आदि का निर्माण कराया गया था. आज भी दिल्ली के चिड़ियाघर, मथुरा रोड और लाहौर में कोस मीनार मौजूद हैं. एक कोस में 3.22 किलोमीटर की दूरी होती थी. सराय में यात्रियों के रुकने के लिए कमरे, पशुओं को बांधने की जगह और पानी के लिए एक कुआं भी बना होता था. दिल्ली चिड़ियाघर के अंदर अजीमगंज की सराय आज भी है.
कई बार बदला है इसका नाम
इस हाईवे का नाम समय-समय पर बदलता भी रहा है. चूंकि यह सड़क उत्तर भारत में है, इसलिए सबसे पहले इसको उत्तरापथ कहा जाता था. बाद में सड़क-ए-आजम, बादशाही सड़क, The long Road और आखिर में इसका नाम Grand Trunk Road हुआ. भारत में NH-1, NH-2, NH-5 और NH-91 भी इसी हाईवे का हिस्सा हैं.
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विदेश तक जाती है भारत की यह सड़क
यह हाईवे सिर्फ देश में ही नहीं खत्म होता, बल्कि दूसरे देशों तक भी जाता है. बांग्लादेश से शुरू होकर यह बर्धमान, आसनसोल, सासाराम, प्रयागराज, अलीगढ़, दिल्ली, अमृतसर और फिर पाकिस्तान के लाहौर व रावलिपंडी से होते हुए अफगानिस्तान तक जाता है.
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