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भारत-नेपाल बॉर्डर की बढ़ेगी सुरक्षा, भिट्ठामोड़ बॉर्डर पर इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट निर्माण का होगा निर्माण

भारत-नेपाल बॉर्डर की सुरक्षा और बढ़ने वाली है. गृह मंत्रालय के द्वारा भिट्ठामोड़ बॉर्डर पर इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट निर्माण किया जाएगा. इसके लिए गृह मंत्रालय ने जगह चिह्नित कर निर्माण का आदेश दिया है. इसका निर्माण लैंड पोर्ट ऑथोरिथी ऑफ इंडिया का निर्माण कराएगी.

भारत नेपाल के भिट्ठामोड़ बॉर्डर पर इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट (आइसीपी) के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. इसके लिए गृह मंत्रालय ने हरी झंडी दे दी है. साथ ही इसकी जानकारी वार्षिक रिपोर्ट 2020-21 के माध्यम से दिया है. इसके अलावा भारत-नेपाल बॉर्डर पर हो रही सड़क निर्माण की भी जानकारी आने रिपोर्ट में दी है. वर्तमान में इंडो-नेपाल बॉर्डर पर रक्सौल और जोगबनी में है. जहां से दोनों देशों के बीच सड़क मार्ग से व्यापार को बढ़ावा मिलता है. भिट्ठामोड़ में इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट के स्थापित होने से दोनों देशों के बाजार को बढ़ावा मिलेगा. व्यापारिक रिश्ता और मजबूत होगा. अवैध मार्ग से तस्करी पर भी लगाम लग सकेगा.

लैंड पोर्ट ऑथोरिथी ऑफ इंडिया ने किया सर्वे

जानकारी हो कि, वर्ष 2019 में ही गृह मंत्रालय ने लैंड पोर्ट ऑथोरिथी ऑफ इंडिया ने इंट्रीग्र्रेटेड चेक पोस्ट के लिए सर्वे किया था. इस दौरान सीतामढ़ी के भिट्ठामोड़ से सटे नेपाल जिला प्रशासन, सीतामढ़ी जिला प्रशासन, एसएसबी और अन्य एजेंसी के अधिकारी और पदाधिकारी मौजूद थे. इनकी मौजूदगी में सर्वे हुआ और नो मेंस लैंड में इसका निर्माण होना सुनिश्चित हुआ है.

अवैध व्यापार पर भी लगेगा लगाम

सूत्रों की माने तो भिट्टामोड़ में इंट्रीग्रेटेड चेक पोस्ट के स्थापना के बाद अवैध व्यापार पर भी नकेल कसा जाएगा. बताया जाता है कि इसके बाद उक्त जगहों पर दोनों देशों के सुरक्षाकर्मी और खुफिया एजेंसियां काम करेगी. जिससे इसपर लगाम लगने की संभावना जतायी जा रही है. मालूम हो कि, वर्तमान में पेट्रोलियम, शराब, गांजा, सुपाड़ी, सिगरेट, हथियार आदि की तस्करी उस इलाके से होती है. एसएसबी तस्करों पर लगाम लगाए हुए है. लेकिन, चेक पोस्ट बनने से सुरक्षा की व्यापक व्यवस्था होगी और अवैध व्यापार पर लगाम लगेगा.

वर्तमान में देशभर में है सात इंट्रीग्रेटेड चेक पोस्ट

रिपोर्ट के मुताबिक, पूरे देश में सात इंट्रीग्रेटेड चेक पोस्ट है. इसमें से बिहार स्थित इंडो-नेपाल बॉर्डर पर दो जगहों पर है. एक रक्सौल जो तीन मार्च 2016 और दूसरा जोगबनी में स्थापित है. जो 15 नवंबर 2016 से ऑपरेशनल है. इसके अलावा पंजाब, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल, मेघालय, मणिपुर, बिहार में दो आइसीपी है.

13 नये आइसीपी के निर्माण को मिली है हरी झंडी

रिपोर्ट के मुताबिक, सात ऑपरेशन आइसीपी के अलावा 13 विभिन्न बॉर्डरों पर आइसीपी के निर्माण को हरी झंडी मिली है. इसमें बिहार के सीतामढ़ी स्थित भिट्ठामोड़, उत्तर प्रदेश में दो, असम में एक, पंश्चित बंगाल में सात, मिजोरम में एक और उत्तराखंड में एक आइसीपी का निर्माण हो रहा है.

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