महनार. महिंदवाड़ा पंचायत के वार्ड संख्या चार के ग्रामीणों ने सोमवार को वर्षों से बंद पड़े स्टेट बोरिंग को लेकर प्रदर्शन किया. किसानों का कहना है कि बोरिंग में सबमर्सिबल पंप और अन्य सभी आवश्यक उपकरण लगे होने के बावजूद इसे चालू नहीं कराया जा रहा है. बोरिंग रूम पर ताला जड़ा हुआ है और चाबी मुखिया के पास पड़ी है. ग्रामीणों ने बताया कि सरकार की योजना के तहत किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए स्टेट बोरिंग की व्यवस्था की गयी थी, लेकिन लापरवाही और उदासीनता के कारण वर्षों से यह बंद पड़ा है. खेतों में पानी के अभाव में धान, मकई और सब्जी की खेती प्रभावित हो रही है. किसानों ने कहा कि मानसून कमजोर रहने की स्थिति में स्टेट बोरिंग ही उनकी एकमात्र आशा थी, लेकिन उसके बंद रहने से वे गंभीर संकट में हैं. प्रदर्शनकारी किसानों ने साफ शब्दों में चेतावनी दी कि यदि प्रखंड प्रशासन और पंचायत प्रतिनिधि तत्काल पहल कर स्टेट बोरिंग को चालू नहीं कराते हैं, तो वे बड़ा आंदोलन करने के लिए विवश होंगे. इन्होंने कहा कि खेती किसानी से जुड़े इस गंभीर मुद्दे पर अब चुप्पी नहीं साधी जायेगी. ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत स्तर पर यह स्थिति केवल महिंदवाड़ा तक सीमित नहीं है, बल्कि अन्य कई जगहों पर भी बोरिंग वर्षों से बंद हैं, जिससे किसान परेशान हैं. प्रदर्शनकारियों ने प्रखंड प्रशासन से तत्काल जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने तथा किसानों के लिए सिंचाई सुविधा बहाल करने की मांग की. इस प्रदर्शन में आयुष प्रिय रंजन, नवल दास, सुनील सिंह, आदित्य सिंह, देवा दास, राम सागर सिंह, रविरंजन कुमार, सोनू दास, अंकित कुमार सहित महिंदवाड़ा पंचायत के सैकड़ों किसान और ग्रामीण शामिल थे.
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