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पर्यटक स्थल के रूप में विकसित होगा बरैला झील : डीएम

जिले के पातेपुर और जंदाहा प्रखंड में स्थित बरेला झील सलीम अली पक्षी आश्रयणी का जल्द ही कायाकल्प होने जा रहा है. इसे लेकर सोमवार को डीएम वर्षा सिंह ने बरेला झील का निरीक्षण किया. इस दौरान डीएम ने बरेला झील में बने वॉच टावर से झील का निरीक्षण किया और वहां मौजूद पक्षी मित्रों की समस्याओं को प्रमुखता से सुना.

हाजीपुर. जिले के पातेपुर और जंदाहा प्रखंड में स्थित बरेला झील सलीम अली पक्षी आश्रयणी का जल्द ही कायाकल्प होने जा रहा है. इसे लेकर सोमवार को डीएम वर्षा सिंह ने बरेला झील का निरीक्षण किया. इस दौरान डीएम ने बरेला झील में बने वॉच टावर से झील का निरीक्षण किया और वहां मौजूद पक्षी मित्रों की समस्याओं को प्रमुखता से सुना. स्थानीय मुखिया द्वारा डीएम को बताया गया कि पक्षी मित्रों की संख्या बढ़ाए जाने की आवश्यकता है. जिसके बाद डीएम ने पक्षी मित्रों को प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक निर्देश दिया तथा स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा पुलिस पेट्रोलिंग करवाने के संबंध में अनुरोध किया गया. सभी वनरक्षी को निर्देश दिया गया कि नियम के तहत सुबह एवं शाम में क्षेत्र का भ्रमण करते हुए प्रवासी पक्षियों की रक्षा सुनिश्चित की जाये. मालूम हो कि किसी भी वन्य प्राणी को पकड़ना, पालना , खरीदना, शिकार करना तथा उसके अंगों से बनी कोई भी चीजों का इस्तेमाल करना दंडनीय अपराध है. इसके लिए 25 हजार रुपये जुर्माना या 7 साल तक जेल हो सकती है. बरेला झील में पहुंच पथ के लिए वर्तमान में भू-अर्जन की कार्यवाही की जानी है. 10 दिसंबर को होने वाले भू-अर्जन के सीमांकन के लिए जनसुनवाई की तिथि निर्धारित है. जिला भूअर्जन पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि जनसुनवाई में संबंधित रैयतों से आवेदन प्राप्त कर समेकित प्रतिवेदन तैयार करना सुनिश्चित करेंगे. साथ ही बरेला झील से मुख्य मार्ग तक संपर्क सड़क के लिए भूमि का सीमांकन करते हुए उसके लिए भूमि अर्जन की प्रक्रिया करने का भी निर्देश दिया गया. मालूम हो कि अभी गाद और इनलेट एवं आउटलेट के जाम होने तथा समुचित जल प्रबंधन के अभाव में वेटलैंड में पर्याप्त जलस्तर को बनाए रखने के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा. अब सरकार की इस परियोजना के पूर्ण होने के बाद वेटलैंड में पानी के प्रवाह को बढ़ाने और बनाए रखना आसान हो जायेगा. इस दौरान डीएम ने बताया कि बरैला आर्द्रभूमि का कुल क्षेत्रफल 1625.34 हेक्टेयर है, जिसमें से केवल 197.91 हेक्टेयर क्षेत्र को बिहार सरकार की अधिसूचना 28 जनवरी 1997 के तहत बरैला झील सलीम अली पक्षी अभयारण्य के रूप में अधिसूचित किया गया है. अधिसूचित क्षेत्र को 21 छोटे-छोटे पृथक खंडों में बंटा है. यह झील और इसके आसपास का क्षेत्र वनस्पतियों और जीवों की समृद्धि विविधता का घर है, जिसमें प्रवासी पक्षियों की 59 प्रजातियां , स्थानीय पक्षियों की 106 प्रजातियां, 16 पेड़ प्रजातियां, 11 झाड़ीदार प्रजातियां और बहुत कुछ शामिल है. यह आर्द्र भूमि पक्षी विज्ञान मनोरंजन का केंद्र है, यह कई प्रवासी और देशी पक्षियों के लिए आवास प्रदान करती है. निरीक्षण के क्रम में जिला वन प्रमंडल पदाधिकारी, अपर समाहर्ता (आपदा), जिला भू- अर्जन पदाधिकारी , जन्दाहा व पातेपुर अंचलाधिकारी, पातेपुर प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अन्य उपस्थित थे. मालूम हो कि मुख्यमंत्री बिहार की प्रगति यात्रा के दौरान वैशाली जिला के भ्रमण के क्रम में बरेला झील सलीम अली पक्षी आश्रयणी के विकास एवं सौंदर्यीकरण कार्य हेतु घोषणा की गई है. इस योजना निर्माण के बाद बरेला झील बिहार के नेचर एवं वाइल्ड लाइफ सर्किट में न केवल सम्मिलित होगा, बल्कि पर्यटकों के लिए एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित होगा। साथ ही इस क्षेत्र में रोजगार का सृजन होगा तथा प्राकृतिक संसाधनों , पक्षियों की सुरक्षा समृद्ध होगी.

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