भोरे. भोरे के चारमुहानी का जाम अब लोगों के लिए गंभीर समस्या बन चुका है. प्रशासन की अनदेखी के कारण स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है. स्कूली बच्चे, अस्पताल जाने वाले मरीज और आम राहगीर सभी इस समस्या से जूझ रहे हैं. दरअसल, जाम की मुख्य वजह सड़क किनारे अवैध रूप से लगी दुकानें और ठेले हैं. ये दुकानें न सिर्फ सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर रही हैं, बल्कि रास्ता भी संकरा कर रही हैं, जिससे हर दिन जाम की स्थिति बनती है. ग्राहक अक्सर इन दुकानों से खरीदारी के दौरान अपने वाहन सड़क पर ही खड़ा कर देते हैं, जिससे यातायात बाधित हो जाता है. लगभग चार महीने पहले भोरे के सीओ अनुभव राय ने अतिक्रमण हटाने के लिए माइकिंग करवायी थी, जिससे लगा था कि प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगा. लेकिन तीन महीने बाद फिर से स्थिति जस की तस हो गयी. प्रशासन ने अतिक्रमण के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया और पूरा मामला ठंडे बस्ते में चला गया. सोमवार की दोपहर लगभग एक बजे चारमुहानी पर लगा जाम इतना भीषण था कि एक किलोमीटर तक गाड़ियों की लंबी कतारें लग गयीं. प्रशासन की ओर से इस जाम को हटाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया. अंततः बसों के कंडक्टर और दुकानदारों ने खुद सड़क पर उतरकर वाहनों को एक लाइन में निकालकर किसी तरह जाम को हटाया. स्थानीय निवासियों का कहना है कि जब तक चारमुहानी पर अतिक्रमण नहीं हटाया जाता, तब तक जाम से मुक्ति संभव नहीं है.
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