11.5 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Bihar News: भाला और गोली मारकर डकैती की घटना को दिया था अंजाम, इंसाफ की उम्मीद में अब टूट रही सांस

Bihar News: गोपालगंज कोर्ट में इंसाफ की उम्मीद में पीड़ितों की सांसें टूट रही हैं. इंसाफ में हो रही देरी के कारण कांड के सूचक भी अपना दम तोड़ चुके हैं. अब उनके भाई व परिवार के लोग डकैतों व हत्यारों को सजा दिलाने के लिए कोर्ट का चक्कर लगा रहे हैं.

Bihar News: संजय कुमार अभय, गोपालगंज: आप तारीख पर तारीख तो सुने होंगे. इंसाफ की उम्मीद में पीड़ितों की सांसें टूट रही हैं. इंसाफ में हो रही देरी के कारण कांड के सूचक भी अपना दम तोड़ चुके हैं. अब उनके भाई व परिवार के लोग डकैतों व हत्यारों को सजा दिलाने के लिए कोर्ट का चक्कर लगा रहे हैं. डकैती के इस कांड में पुलिस ने अभियुक्तों के खिलाफ जब कोर्ट को चार्जशीट सौंपी तो फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई. केस के ट्रायल के दौरान कांड के आईओ, डॉक्टर, सूचक समेत आठ गवाहों ने कंटेस्टेड गवाही दी. कोर्ट ने डकैती के दौरान हुई हत्या को धारा 396 के बदले हत्या में संज्ञान लिया. सजा की बारी आई तो टालमटोल होता रहा. उसके बाद कोर्ट के खाली होने के कारण केस में तारीख पर तारीख मिलती रही.

पीड़ित पक्ष अभियोजन पदाधिकारियों व अपने वकील के जरिए कोर्ट में अपील करता रहा. तब केस में 2024 में सुनवाई एडीजे-12 की कोर्ट ने हत्या मानते हुए चार्ज फ्रेम कर दिए. डकैती के दौरान हुए हत्याकांड की सुनवाई के दौरान हत्या में बदल गया. अब 42 वर्ष के बाद एडीजे-10 मानवेंद्र मिश्र की कोर्ट ने गवाहों को साक्ष्य के लिए दोबारा समन जारी किया. अब केस के ट्रायल में तेजी आने के आसार हैं.

कोर्ट ने दोबारा गवाहों पर समन जारी किया

कोर्ट की ओर से जारी समन कांड के सूचक पारसनाथ सिंह, गवाह कलमो देवी, सुभावती देवी, लक्ष्मी देवी, कबीर चौधरी, हीरालाल चौधरी, सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम करने वाले डॉ. बीके अग्रवाल व कांड के आईओ पटना के जक्कनपुर थाना के मीठापुर के एसएन प्रसाद पर जारी हुआ है. इस कांड में इंसाफ मिलने की उम्मीद में कांड के सूचक पारसनाथ सिंह की मौत हो चुकी है जबकि चश्मदीद हीरालाल चौधरी की भी मौत हो चुकी है. कोर्ट से समन जारी होने के बाद पारसनाथ सिंह के परिवार के लोगों को अब इंसाफ की उम्मीद जगी है.

डकैती के दौरान भाला व गोली मारकर की गई थी हत्या

उचकागांव थाना के लखना खास गांव में 2-3 दिसंबर 1983 की आधी रात में हथियारों से लैस डकैतों ने जय राम सिंह के घर पर डकैती के लिए धावा बोल दिया. लूटपाट के दौरान परिवार के लोगों को बंधक बना लिया गया. आवाज सुनकर जब पलानी में सो रहे जय राम सिंह निकले तो भाला मार दिया गया. उसके बाद गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. चश्मदीद बेटा, पत्नी व अन्य के आंखों के सामने कांड हुआ. सबसे बड़ा बेटा पारसनाथ तब 23 वर्ष के थे. उनकी तहरीर पर उचकागांव थाना कांड 153/1983 दर्ज कराया गया. कांड में डकैतों को पहचान लिया गया था.

आठ अभियुक्तों में पांच की हो चुकी है मौत

डकैती के दौरान हुई हत्या के इस कांड में आठ नामजद अभियुक्त व तीन-चार अन्य के खिलाफ कांड दर्ज हुआ. अभियुक्त लखना गांव के ही धर्मनाथ राम, भीमल चौधरी, शाहपुर डेरवां के शिव चौधरी, जिउत चौधरी, मदन चौधरी, नगीना चौधरी, बादशाह चौधरी, बच्चा चौधरी नामजद थे. उनमें से अब महज धर्मनाथ राम, बादशाह चौधरी व मदन चौधरी जीवित हैं. बाकी पांच नामजद अभियुक्तों की मौत हो चुकी है.

Also Read: बिहार के ये BJP विधायक तीन महीने के लिए जाएंगे जेल! 2019 में फरसा से किया था हमला

आंखों के सामने घूमते रहता है डकैती का वह खौफनाक मंजर

उचकागांव थाना के लखना खास गांव में जय राम सिंह के 70 वर्षीय पुत्र जलेश्वर प्रसाद ने बताया कि 2-3 दिसंबर 1983 की आधी रात में हथियारों से लैस डकैतों ने जो कोहराम मचाया उससे पूरा इलाका थर्रा उठा था. भाई के बयान पर केस हुआ. केस को पूरी मुस्तैदी से कोर्ट में लड़ते रहे. हर तारीख पर जाकर गवाहों का साक्ष्य कराया. हाकिम के बदलते ही फाइल से पोस्टमार्टम रिपोर्ट को दो बार गायब कर दिया गया जिससे केस की सुनवाई पेंडिंग होती रही.

अभियुक्तों के प्रभाव के कारण चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहे थे. पूरी जवानी केस लड़ने में गुजार दी. कोर्ट का चक्कर काटते-काटते पारसनाथ सिंह की मौत भी वर्ष 2023 में हो गई. उधर पांच अभियुक्तों की मौत के बाद इंसाफ की उम्मीद भी छोड़ चुके थे. वह खौफनाक मंजर आज भी आंखों के सामने घूमता है कि कैसे डकैतों ने बंधक बनाकर कांड को अंजाम दिया. आंखों के सामने पिता जी को भाला व गोली मारी गई. उनका तड़पता हुआ शब्द रात में सोने नहीं देता.

कानूनविद ने कहा, बिलंब से मिलने वाला इंसाफ नहीं होता बिलंब से मिलने वाला इंसाफ इंसाफ नहीं रह जाता. यह पूरा मामला बहुत ही गंभीर है. कोर्ट को ऐसे मामलों को ढूंढ़कर उसका स्पीडी ट्रायल चलाकर फैसला देना चाहिए.

बिहार की ताजा खबरों के लिए यहां क्लिक करें

Abhinandan Pandey
Abhinandan Pandey
भोपाल से शुरू हुई पत्रकारिता की यात्रा ने बंसल न्यूज (MP/CG) और दैनिक जागरण जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में अनुभव लेते हुए अब प्रभात खबर डिजिटल तक का मुकाम तय किया है. वर्तमान में पटना में कार्यरत हूं और बिहार की सामाजिक-राजनीतिक नब्ज को करीब से समझने का प्रयास कर रहा हूं. गौतम बुद्ध, चाणक्य और आर्यभट की धरती से होने का गर्व है. देश-विदेश की घटनाओं, बिहार की राजनीति, और किस्से-कहानियों में विशेष रुचि रखता हूं. डिजिटल मीडिया के नए ट्रेंड्स, टूल्स और नैरेटिव स्टाइल्स के साथ प्रयोग करना पसंद है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel