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gopalganj news : शहर की दवा दुकानों पर ड्रग विभाग ने की छापेमारी, होमियोपैथ की दुकानों को भी खंगाला

gopalganj news : राजस्थान में कफ सिरप से बच्चों की मौत के बाद दुकानों की लगातार हो रही जांचजांच के लिए अबतक भेजे गये 12 नमूने, जांच के बाद हो सकती है कार्रवाईहोमियोपैथ की दवाओं से नशीला पदार्थ बनाने की आशंका की भी हो रही जांच

गोपालगंज. ड्रग विभाग की टीम ने शनिवार को शहर के कई दवा दुकानों पर छापेमारी की. खासकर होमियोपैथ की दुकानों पर भी रेड किया गया है, जहां से कुछ दवाओं को सीज कर जांच के लिए भेजा गया है.

शनिवार को डीएम पवन कुमार सिन्हा के आदेश पर कॉलेज रोड में जनक सुपर मार्केट में आयुष होमियो हॉल में छापेमारी की गयी. ड्रग इंस्पेक्टर अभय शंकर, मुकेश कुमार राउत, सहायक मनोज कुमार की टीम ने दवाओं की सघन जांच की. यह जांच अब लगातार जारी रहेगी. उधर, अंग्रेजी दवा के दुकानों की भी जांच की गयी है. राजस्थान और मध्य प्रदेश में कफ सिरप पीने से कई बच्चों की मौत के बाद ड्रग विभाग गोपालगंज में भी हाइ अलर्ट मोड में आ गया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए सभी जिलों को अलर्ट कर दिया है. कफ सिरप व दूसरी दवाओं का निर्माण करने वाली फर्मों की दवाओं के नमूने जांच के लिए एकत्र किये गये हैं.

नमूने जांच के लिए राजकीय प्रयोगशाला भेजे गये हैं. जांच में नमूने अद्योमानक मिले, तो संबंधित के खिलाफ बड़ी कार्रवाई होगी. स्रेसन फार्मास्युटिकल्स द्वारा निर्मित सभी कफ सिरप की बिक्री पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाया गया जा चुका है. अगर कोई भी दुकानदार उसे बेच रहा, तो उसपर तत्काल कार्रवाई भी की जायेगी. ड्रग विभाग की टीम ने अभी तक 39 दुकानों की जांच का दावा किया है. इसमें एक भी ऐसे प्रतिबंधित दवा नहीं मिले हैं. कुछ कफ सिरप को जब्त कर जांच के लिए भेजा गया है.

कोल्ड्रिफ में घातक तत्व

तमिलनाडु के कांचीपुरम स्थित स्रेसन फार्मा की निर्माण इकाई से लिये गये कोल्ड्रिफ कफ सिरप के सैंपलों की जांच में डीइजी की मात्रा अनुमेय सीमा से अधिक पायी गयी. इसके बाद तमिलनाडु सरकार ने इस खांसी की दवा की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया और बाजार से स्टॉक हटाने का आदेश जारी किया. उस दवा की बिक्री गोपालगंज में भी हो रही थी. इस पर विभाग अब एक्शन मोड में है.

नकली दवा बेचने पर हो सकती है बड़ी कार्रवाई

राज्य के सभी ड्रग इंस्पेक्टर को निर्देश जारी किया गया है. प्रदेश भर से दवा के सैंपल कलेक्ट कर पटना की लेबोरेटरी में जांच होगी. जांच में गड़बड़ी मिलने पर तत्काल एफआइआर कर कार्रवाई की जायेगी. नकली दवा बेचने वाले दुकानदार पर भारत में औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई हो सकती है, जिसमें भारी जुर्माना और कई साल की जेल शामिल है. पकड़े जाने पर दुकानदार को दंडित किया जा सकता है और पीड़ित उपभोक्ता राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं.

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