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Gopalganj News : चार अप्रैल, 2024 को बरामद सिमकार्ड कांड की 13 माह बाद भी जांच अधूरी

कुचायकोट थाना क्षेत्र के बलथरी चेकपोस्ट से चार अप्रैल, 2024 को बरामद 8774 सिमकार्ड मामले की जांच से अब चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं. 13 माह बाद पुलिस अब यह मान रही है कि इन सिमकार्डों का इस्तेमाल सोने की तस्करी में किया जाना था.

संजय कुमार अभय, गोपालगंज कुचायकोट थाना क्षेत्र के बलथरी चेकपोस्ट से चार अप्रैल, 2024 को बरामद 8774 सिमकार्ड मामले की जांच से अब चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं. 13 माह बाद पुलिस अब यह मान रही है कि इन सिमकार्डों का इस्तेमाल सोने की तस्करी में किया जाना था. जानकारी के अनुसार, सिमकार्ड की बरामदगी के बाद इसे खुफिया एजेंसी (आइबी) को जांच के लिए सौंपने की बात हुई थी, लेकिन आइबी ने इसमें रुचि नहीं दिखायी. इसके बाद स्थानीय पुलिस ने खुद इसकी जांच शुरू की, लेकिन सुराग के अभाव में जांच लगभग ठप हो गयी. सूत्रों के अनुसार, जिले में हो रही बड़ी घटनाओं की प्राथमिकता के कारण इस गंभीर मामले पर गंभीरता से काम नहीं हो सका. विशेषज्ञों का मानना है कि यदि अब भी हाइलेवल जांच हो तो इस मामले में अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड या देश विरोधी गतिविधियों से जुड़े बड़े खुलासे हो सकते हैं. इस मामले को केंद्रीय जांच एजेंसियों को सौंपे जाने की मांग तेज हो रही है, ताकि सच्चाई सामने आ सके. फिलहाल, इस मामले में गिरफ्तार किये गये पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के तीन संदिग्धों को हाइकोर्ट से जमानत मिल चुकी है.

चेकपोस्ट से हुआ था 8774 सिमकार्ड बरामद

कुचायकोट के तत्कालीन थानेदार सुनील कुमार ने चार अप्रैल, 2024 को बलथरी चेकपोस्ट से 8774 सिमकार्ड, 18,800 नेपाली रुपये व पांच मोबाइल समेत कार को भी बरामद किया. खुद को पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के रहनेवाले कालिया चौक थाना क्षेत्र के सुजापुर गांव निवासी असमाउल शेख, ब्रोमोतोर गांव निवासी मो इकबाल तथा मोसिमपुर गांव निवासी नूर आलम को अरेस्ट किया गया था. बोलचाल की भाषा में तीनों बंगलादेशी लग रहे थे.

नेपाल के काठमांडू पहुंचाना था सिमकार्ड

कुचायकोट पुलिस के पूछताछ में यह बात सामने आयी थी कि जब्त किया गया सिमकार्ड दिल्ली से लाये जा रहे थे और इसे नेपाल के काठमांडू पहुंचाना था. सिमकार्ड को नेपाल से ऑपरेट किये जाने की बात बतायी गयी थी. दिल्ली से एक व्यक्ति सिमकार्ड का बैग लेकर गोरखपुर तक हवाई मार्ग से पहुंचा था. पुलिस दिल्ली से सिमकार्ड लाने वाले तक का पता नहीं लगा सकी जिससे इस बड़ी प्लानिंग का खुलासा हो सके. पुलिस की जांच में गुर्गों के मोबाइल से लाखों के लेन-देन की भी जानकारी मिली थी. सिमकार्ड दिल्ली से गोरखपुर तक हवाई जहाज से मंगाये गये थे. कुचायकोट थाना क्षेत्र के बलथरी चेकपोस्ट पर कार के अंदर से 8774 सिमकार्ड व नेपाली नकदी के साथ गिरफ्तार तीनों युवकों की गतिविधि संदिग्ध है. ऐसे में पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है.

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