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Gopalganj News : साक्ष्य नहीं प्रस्तुत करने पर सरकारी भूमि घोषित हो सकती है आपकी निजी जमीन

Gopalganj News : जमीन सर्वे के दौरान यदि आप जमीन निजी होने का कोई साक्ष्य नहीं देते हैं, तो आपकी परेशानी बढ़ सकती है. कुछ समय के लिए आपकी निजी जमीन सरकारी भूमि घोषित हो सकती है.

गोपालगंज/पंचदेवरी. जमीन सर्वे के दौरान यदि आप जमीन निजी होने का कोई साक्ष्य नहीं देते हैं, तो आपकी परेशानी बढ़ सकती है. कुछ समय के लिए आपकी निजी जमीन सरकारी भूमि घोषित हो सकती है. फिर आपत्ति देने व साक्ष्य उपलब्ध कराने के बाद ही आपको जमीन वापस की जायेगी. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के निर्देशानुसार संबंधित पदाधिकारी व कर्मी रैयतों के कागजात की जांच में जुट गये हैं.

पंचदेवरी में रैयतों की उमड़ी भीड़

सोमवार को पंचदेवरी के खालगांव पंचायत सरकार भवन समेत कई पंचायत कार्यालयों पर कागजात जमा करने के लिए रैयतों की भीड़ देखी गयी. विभाग द्वारा स्व घोषणा व वंशावली जमा करने की अंतिम तिथि 31 मार्च तक ही निर्धारित की गयी थी. इसलिए सोमवार को रैयत काफी परेशान दिखे. पूरे दिन संबंधित कार्यालयों पर कागजात लेकर पहुंचते रहे. विभागीय रिपोर्ट के अनुसार अब भी 40 प्रतिशत से अधिक रैयत सर्वे के लिए न तो ऑनलाइन और न ही ऑफलाइन ही आवेदन कर पाये हैं. ऐसे रैयतों के साथ बाद में समस्या आ सकती है. हालांकि, विभाग के पदाधिकारी बाद में भी ऑफलाइन आवेदन लेने की बात कह रहे हैं, लेकिन विभाग द्वारा इस संबंध में कोई गाइडलाइन जारी नहीं की गयी, तो वंचित रैयतों की परेशानी बढ़ सकती है.

न्यूनतम साक्ष्य देने पर भी जमीन पर रहेगा आपका दखल कब्जा

सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी देव त्रिपाठी ने बताया कि रैयत को जमीन निजी होने का कोई न कोई साक्ष्य देना होगा. खतियान नहीं है, तो रसीद देनी पड़ेगी. यदि रसीद नहीं है, तो वंशावली प्रस्तुत करनी होगी. न्यूनतम साक्ष्य पर भी संबंधित रैयत का दखल कब्जा बना रहेगा. यदि किसी तरह का साक्ष्य नहीं मिलता है, तो ऐसी स्थिति में वर्तमान दखलदार के नाम से कब्जा दर्ज करते हुए उक्त जमीन को बिहार सरकार के नाम से खाता दर्ज करने की अनुशंसा की जायेगी. वह जमीन बिहार सरकार के रैयती खाते में शिफ्ट हो जायेगी.

आपत्ति देने के लिए मिलेंगे तीन मौके

यदि किसी रैयत की निजी जमीन साक्ष्य के अभाव में फिलहाल सरकारी घोषित कर दी जाती है, तो ऐसा नहीं है कि वह जमीन हमेशा के लिए सरकार की हो जायेगी. इस संबंध में आपत्ति देने के लिए रैयत को तीन मौके दिये जायेंगे. यदि आपत्ति के साथ रैयत द्वारा जमीन निजी होने का साक्ष्य प्रस्तुत किया जाता है, तो विभागीय प्रक्रिया पूरी करते हुए पुनः उसे जमीन वापस कर दी जायेगी.

हर गांव में जायेगी सर्वे टीम, सरकारी खतियान से करेगी मिलान

सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी देव त्रिपाठी ने बताया कि सर्वे टीम हर गांव में जायेगी. जितने भी रैयत ने कागजात जमा किये हैं, उन्हें सूचित किया जायेगा. रैयतों द्वारा जमा किये गये कागजात का मिलान सरकारी खतियान से किया जायेगा. किस रैयत का कहां दखल-कब्जा है, उसे सूचीबद्ध किया जायेगा. जो रैयत कोई कागजात जमा नहीं कर पाये हैं और किसी जमीन को अपनी निजी जमीन बता रहे हैं, तो उन्हें भी सूचीबद्ध कर रिपोर्ट तैयार की जायेगी. यदि कोई साक्ष्य नहीं मिलता है, तो उक्त जमीन सरकार के रैयती खाते में शिफ्ट किया जायेगा.

बोले पदाधिकारी

वंशावली व स्व घोषणा जमा करने की अंतिम तिथि 31 मार्च ही थी. लेकिन, विभाग के मंत्री द्वारा यह आश्वासन दिया गया है कि 31 के बाद भी कुछ दिनों तक संबंधित पोर्टल खुला रहेगा. रैयतों से अपील की जा रही है कि वे सर्वे संबंधित कागजात जमा करने में शीघ्रता करें.

तरुण कुमार रंजन, सीओ, पंचदेवरी

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