गोपालगंज. शहर के प्रमुख मिठाई कारोबारी सुरेंद्र प्रसाद की बेटी ज्योति के हत्याकांड में पुलिस परसौनी पंचायत के मुखिया और उसके परिजनों को गिरफ्तार करने में नाकाम रही है. शुक्रवार को सीजेएम आनंद कुमार त्रिपाठी के कोर्ट ने कुर्की-जब्ती के लिए वारंट जारी कर दिया. यह वारंट अभियोजन पदाधिकारी अनूप त्रिपाठी की अपील पर कोर्ट ने जारी किया.
ज्योति का शव मिलने के बाद मुखिया का परिवार हुआ भूमिगत
कोर्ट को अभियोजन पक्ष ने बताया कि ज्योति की हत्या के बाद उसके ससुर परसौनी के मुखिया शंभू सहनी व उसके परिजन केस को मोड़ने में जुटे थे. उसके भाग जाने का दावा कर रहे थे. छह जुलाई को जैसे ही शव मिला, मुखिया का पूरा परिवार भूमिगत हो गया. तलाश में महम्मदपुर पुलिस सभी संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी है. नेपाल में भागने की संभावना पुलिस को है. कोर्ट से जारी इश्तेहार को भी उसके दरवाजे पर पुलिस चिपका चुकी है. उसके बाद भी वह भूमिगत होकर केस में कानूनी दांव चल रहा है. कोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए कुर्की जब्ती का वारंट जारी किया. अब उसके पकड़ी स्थित घर को कुर्क करने की तैयारी में पुलिस जुट गयी है.
दहेज के लिए प्लानिंग के तहत की गयी थी हत्या
सरेया वार्ड नं तीन के रहने वाले वीआइपी कोषाध्यक्ष सुरेंद्र प्रसाद ने अपनी बेटी ज्योति की शादी 20 मई 2023 को महम्मदपुर थाना क्षेत्र के पकड़ी वार्ड नं -1 के रहने वाले तथा परसौनी ग्राम पंचायत के मुखिया शंभु सहनी के पुत्र राजू सहनी के साथ की थी. शादी में अपनी औकात के मुताबिक उपहार भी दिया था. ज्योति को एक छह माह का पुत्र भी है. ज्योति अपनी ससुराल में थी. बीच-बीच में कई बार ससुराल के लोगों के द्वारा उसे दहेज में कार की मांग को लेकर प्रताड़ित किया जाता था. गत 4 जुलाई की सुबह 5:30 बजे मुखिया शंभु सहनी ने कॉल कर बताया कि ज्योति सुबह से अपने कमरे में नहीं है. वह अपने पुत्र को छोड़ कर कही चली गयी है. हत्या पूरे प्लान के तहत की गयी थी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

