हथुआ. समाज को आगे बढ़ाने के लिए अपनी संस्कृतियों को सहेजने की आवश्यकता है. संस्कृतियां बचेंगी तभी राष्ट्र का नवनिर्माण होना संभव है. उक्त बातें योगी मुकुंद ने बरवां स्थित चित्रगुप्त मंदिर परिसर में आयोजित होली मिलन समारोह के दौरान कहीं. श्री चित्रगुप्त सेवा समिति के तत्वावधान में आयोजित समारोह मेंं योगी मुकुंद ने कहा कि संगति एवं संस्कार ही मनुष्य के जीवन को ऊंचाइयों तक ले जाता है. आज सनातन धर्म को इन्हीं संगति और संस्कार को बचायेगा.
रामचरित मानस जीवन जीने की शैली सिखाती है
उन्होंने कहा कि रामचरित मानस जीवन जीने की शैली सिखाती है, तो भागवत हमें प्रेरणा और कर्तव्यों को सिखाता है. मुख्य अतिथि गोपेश्वर कॉलेज के पूर्व शिक्षक डाॅ ब्रह्मदेव मंडल, विशिष्ट अतिथि पूर्व मंत्री रामसेवक सिंह, योगी मुकुंद बाबा, शिक्षाविद सुनील कुमार श्रीवास्तव, पूनम यादव, संस्था के अध्यक्ष डाॅ रामविष्णु प्रसाद ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. इसके बाद संस्थागत स्मारिका स्पंदन का विमाेचन किया गया. वहीं मुख्य अतिथि डाॅ ब्रह्मदेव मंडल ने महान संगीतकार चित्रगुप्त जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संस्था ने संगीतकार के बारे में स्पंदन में प्रकाशित कर एक अनूठी पहल की है.
बुद्धिजीवियों को अंग वस्त्र, प्रशस्ति पत्र एवं पौधा देकर किया गया सम्मानित
उन्होंने स्मारिका के संपादक सह पर्यावरण मित्र डॉ. सत्यप्रकाश की इस स्मारिका के बारे में बताते हुए कहा कि संस्था के द्वारा यह अनूठी पहल की है. वहीं समाज के विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर करने वाले लगभग एक दर्जन से अधिक बुद्धिजीवियों को अंग वस्त्र, प्रशस्ति पत्र एवं पौधा देकर सम्मानित किया गया. मौके पर दिलीप कुमार, दीवाकर प्रसाद, सरोज कुमार रिंकू, अनिल कुमार, प्रकाश, विकास, चेतन, चिरंजीवी, अजय, संजय, रवि प्रियदर्शी, संतोष, पुष्प राज आदि थे.
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